दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता में यह तय किया गया था कि नगर निगम पहले यह निर्धारित करे कि उसका कितना बकाया है। इसी के चलते निगम की ओर से नोटिस तैयार की गई है। जोनल अधिकारी एसके चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष २००३ से संपत्तिकर जमा नहीं हुआ है। प्रारंभिक अनुमान के तहत विंध्या टेलीकाम लिमिटेड का वर्ष २००३ से २०१० तक २४.१७ लाख रुपए एवं २०१०-२० तक ५२.०८ लाख रुपए और बिरला इरेक्शन लिमिटेड का २००३-१० तक ३९.९२ लाख और २०१०-२० तक ८७.७३ लाख रुपए अनुमातिन टैक्स जमा करने के लिए कहा गया है। यह राशि ३१ मार्च २०२० तक के लिए बताई गई है। दोनों कंपनियों से नगर निगम को २.०४ करोड़ रुपए टैक्स जमा कराना है। नोटिस में कहा गया है कि ब्याज एवं अंतर की राशि शामिल नहीं है। स्थल का नए सिरे से मूल्यांकन कराने के बाद राशि में परिवर्तन हो सकता है। बता दें कि उद्योग विहार क्षेत्र वर्ष २००३ में नगर निगम क्षेत्र में आया था, उस दौरान संपत्तिकर वसूली के लिए नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कंपनियां हाइकोर्ट चली गई थी।
कोर्ट ने कहा है कि टैक्स वसूली के लिए निगम प्रशासन किसी तरह की सख्ती नहीं कर सकता। शांतिपूर्ण तरीके से टैक्स मांगा जा सकता है। इस मामले में अब नगर निगम ने लंबे अंतराल के बाद टैक्स वसूलने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके लिए कई बार उद्योग विहार चोरहटा का भ्रमण किया जा चुका है।
– गेट पर बांधा गुलाब का फूल, बोले सद्भाव का निशान है
नगर निगम की ओर से टैक्स वसूलने गए अधिकारियों का नेतृत्व कर रहे जोन अधिकारी एसके चतुर्वेदी ने वीटीएल कंपनी के मुख्य द्वार पर गुलाब का फूल बांधा और कहा कि यह सद्भाव की निशानी है। हम शांतिपूर्ण वार्ता चाहते हैं, इसलिए प्रबंधन के पास आ रहे हैं। कंपनी प्रबंधन ने भी कहा है कि वह कोर्ट का सम्मान करेगा और उसके निर्देशानुसार निगम का जो भी भुगतान होगा वह नियमानुसार किया जाएगा।