– तीन साल में पूरा होना था दोनों परियोजनाओं का कार्य
जलसंसाधन विभाग ने नईगढ़ी और रामनगर सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजनाओं का कार्य 25 सितंबर 2017 को ठेका कंपनी मेसर्स जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड नोयडा उत्तर प्रदेश को अनुबंध के साथ सौंपा था। दोनों परियोजनाओं का कार्य तीन वर्ष में पूरा किया जाना था, इसमें वर्षाकाल भी शामिल था। इस तरह से 24 सितंबर 2020 तक इन परियोजनाओं का कार्य पूरा कर दिया जाना था। तीन वर्ष के लिए अनुबंधित कार्य करीब छह वर्ष में भी पूरा नहीं हो पाया। जिसके चलते ठेका कंपनी को नोटिस दी गई थी, जब उनकी ओर से ठोस जवाब नहीं दिया गया तो गंगा कछार के मुख्य अभियंता ने ठेका कंपनी का पंजीयन दो वर्ष के लिए निलंबित करते हुए काली सूची में नाम दर्ज कर दिया।
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– ऐसे समझें परियोजनाओं को
नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव परियोजना- यह परियोजना दो भागों में बांटी गई है। पहले चरण में बाणसागर परियोजना के बहुती नहर से जल उद्वहन कर 25 हजार हेक्टेयर में खेतों तक प्रेशराइज्ड पाइपलाइन सिस्टम द्वारा सिंचाई कराई जाएगी। खेत के नीच पाइपलाइन बिछाई जा रही है। इसकी प्राक्कलन लागत 417.43 करोड़ है। इसी तरह बहुती नहर की डगडगपुर डिस्ट्रीब्यूटरी से पानी उद्वहन कर 25 हजार हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। इसकी प्राक्कलन लागत 373.23 करोड़ रुपए है।
रामनगर सूक्ष्म दबाव परियोजना– यह परियोजना सतना जिले के रामनगर क्षेत्र के लिए है। इसमें बाणसागर बांध से पानी उद्वहन कर प्रेशराइज्ड पाइपलाइन सिस्टम द्वारा सिंचाई कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें करीब २० हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में पानी पहुंचाया जाएगा। इसकी प्राक्कलित लागत 326.67 करोड़ है। जिस पर ठेकेदार ने 306 करोड़ में कार्य का अनुबंध किया था।
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त्योंथर बहाव परियोजना में भी हुई थी कार्रवाई
जिले की बड़ी सिंचाई परियोजनाओं में से एक त्योंथर बहाव प्रोजेक्ट का कार्य कर रही ठेका कंपनी एचईएच इंफ्रा का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करते हुए तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टिेड किया गया था। बीते साल अक्टूबर में हुई चीफ इंजीनियर द्वारा कार्रवाई पर भोपाल में प्रकरण की सुनवाई के बाद बहाल कर दिया गया है। अब वही कंपनी कार्य को आगे बढ़ा रही है। इस परियोजना से त्योंथर, जवा, सिरमौर सहित कई प्रमुख क्षेत्रों के किसानों के खेत तक पहुंचाने का टारगेट है। यह कार्य भी तीन साल में पूरा करना था लेकिन नौ वर्ष बाद भी पूरा नहीं होने पर कार्रवाई थी। तत्कालीन चीफ इंजीनियर ने ब्लैक लिस्टेड करने के आदेश के साथ ही यह भी टिप्पणी की थी कि लेटलतीफी की वजह से किसानों को 1715 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। त्योंथर बहाव योजना के तहत 37050 हेक्टेयर सिविल कमाण्ड एरिया के लिए सिंचाई सुविधा देना है।इसकी राशि 228.89 करोड़ रुपए थी। ठेका कंपनी द्वारा कम यूएसआर 2009 अनुसार 225.79 करोड़ रुपए का कार्य जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा आवंटित किया गया था।