जिले में बिछिया नदी के प्रदूषण को लेकर ग्रीन ट्रिब्युनल ने 2018 में नगर निगम को बिछिया नदी में मिलने वालो नालों को बंद कर पानी को उपचारित कर छोडऩे का आदेश दिया था। इसके बावजूद इस दिशा में पचास फीसदी भी काम पूरा नहीं हो पाया है। इस पर ग्रीन ट्रिब्युनल ने अब कड़ा रुख अपनाते हुए 31 मार्च के बाद सीधे जुर्माना अदा करने की बात कही है। इस पर अमल हुआ तो नगर निगम को प्रतिमाह लगभग पचास लाख रुपए का जुर्माना अदा करना पड़ेगा। बिछिया नदी में पंाच बड़े नाले मिलने के कारण इस नदी के पानी की गुणवत्ता बी श्रेणी में आ गई है। पानी में बॉयो कैमिकल डिमांड ऑक्सीजन की मात्रा जहां मानक से अधिक बढ़ गई है, वहीं ऑक्सीजन की मात्रा पानी से घटी है। जबकि शहर में लोगों के घरों में इसी नदी का पानी पीने के लिए सप्लाई किया जाता है।
नहीं बना रहता नदी का बहाव
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नदी के प्रदूषण को लेकर नदी का बहाव बरकरार रखने का सुझाव दिया था। लेकिन इसका अमल भी नगर निगम व जल संसाधन विभाग नहीं कर पाया है। इसके लिए नहर का पानी नियमिति बिछिया नदी में छोडऩे की बात कही थी। जिससे नदी का बहाव बना रहे। इसके लिए नदी से नहर को जोडऩे के लिए 10 लाख रुपए काम स्वीकृत किया गया था, लेकिन समय में वह काम भी पूरा नहीं हो पाया है।