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नदी में प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित अभिकरण सख्त ,31मार्च के बाद नगर निगम रीवा देना होगा लाखों को जुर्माना

locationरीवाPublished: Feb 24, 2020 12:28:13 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

शहर की बिछिया नदी में प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित अभिकरण ने सख्त रुख अपनाया है। ग्रीन ट्रिब्युनल ने नगरीय प्रशासन को निर्देशित किया है 31 मार्च तक हरहाल में बिछिया में मिलने वाले गंदे नाले बंद किए जाए। इन नालों का पानी उपचारित करने के बाद ही नदी में डाला जाए। ऐसा नहीं करने पर प्रति नाला 10 लाख रुपए का जुर्माना नगर निगम को अदा करना होगा।

National Green Agency strict about pollution in river, Municipal Corporation Rewa to be fined after March 31

National Green Agency strict about pollution in river, Municipal Corporation Rewa to be fined after March 31

रीवा। शहर की बिछिया नदी में प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित अभिकरण ने सख्त रुख अपनाया है। ग्रीन ट्रिब्युनल ने नगरीय प्रशासन को निर्देशित किया है 31 मार्च तक हरहाल में बिछिया में मिलने वाले गंदे नाले बंद किए जाए। इन नालों का पानी उपचारित करने के बाद ही नदी में डाला जाए। ऐसा नहीं करने पर प्रति नाला 10 लाख रुपए का जुर्माना नगर निगम को अदा करना होगा। इस संदर्भ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी नगर निगम को पत्र जारी कर दिया है।
जिले में बिछिया नदी के प्रदूषण को लेकर ग्रीन ट्रिब्युनल ने 2018 में नगर निगम को बिछिया नदी में मिलने वालो नालों को बंद कर पानी को उपचारित कर छोडऩे का आदेश दिया था। इसके बावजूद इस दिशा में पचास फीसदी भी काम पूरा नहीं हो पाया है। इस पर ग्रीन ट्रिब्युनल ने अब कड़ा रुख अपनाते हुए 31 मार्च के बाद सीधे जुर्माना अदा करने की बात कही है। इस पर अमल हुआ तो नगर निगम को प्रतिमाह लगभग पचास लाख रुपए का जुर्माना अदा करना पड़ेगा। बिछिया नदी में पंाच बड़े नाले मिलने के कारण इस नदी के पानी की गुणवत्ता बी श्रेणी में आ गई है। पानी में बॉयो कैमिकल डिमांड ऑक्सीजन की मात्रा जहां मानक से अधिक बढ़ गई है, वहीं ऑक्सीजन की मात्रा पानी से घटी है। जबकि शहर में लोगों के घरों में इसी नदी का पानी पीने के लिए सप्लाई किया जाता है।

नहीं बना रहता नदी का बहाव
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नदी के प्रदूषण को लेकर नदी का बहाव बरकरार रखने का सुझाव दिया था। लेकिन इसका अमल भी नगर निगम व जल संसाधन विभाग नहीं कर पाया है। इसके लिए नहर का पानी नियमिति बिछिया नदी में छोडऩे की बात कही थी। जिससे नदी का बहाव बना रहे। इसके लिए नदी से नहर को जोडऩे के लिए 10 लाख रुपए काम स्वीकृत किया गया था, लेकिन समय में वह काम भी पूरा नहीं हो पाया है।

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