न्यायालयों में आपसी समझौते के आधार जज कराएंगे निर्णय, जानिए क्यों
13 जुलाई को आयोजित होगी राष्ट्रीय लोक अदालत

रीवा। न्यायालयों में लंबित मामलों को निराकृत करने के लिए 13 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जाएगी। इसमें 21604 मामलों के निपटारे के लिए ४० खंडपीठ गठित की गई है, जो कि पक्षकारों में समझौता कराएगी। यह जानकारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने दी। बताया कि लोक अदालत में 10735न्यायालय में लंबित मामले और प्रीलिटीगेशन के 11229 मामले रखे जाएंगे। इसके लिए पक्षकारों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।
जिला सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में मामले आपसी सहमति के आधार पर निराकृत होते हैं इसलिए वह हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं। इसमें दोनों पक्ष की जीत होने के कारण आपसी प्रेम बनना रहता है। यही कारण है कि लोक अदालतों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। लोक अदालत में अपराधिक, सिविल, चेक बाउंस, मोटर क्लेम प्रकरण, विद्युत के लंबित व प्रीलिटीगेश , वैवाहिक प्रकरण, बैंक डीलिटीगेशन प्रकरण, दूरभाष प्रकरण रखे जाएंगे। इसके पहले ९ मार्च को आयोजित लोक अदालत में 769 लंबित मामले एवं 792 प्रीलिटीगेशन प्रकरण निराकृत किए गए थे। कुल 1581 प्रकरण निराकृत किए गए। इस दौरान लोक अदालत के प्रभारी विशेष सत्र न्यायाधीश उमेश पांडया, एडीजे सुधीर सिंह राठौर एवं रजिस्टार योगीराज पांडेय उपस्थित रहे।
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यह प्रकरण रखे जाएंगे
-राजीनामा योग्य अपराधिक प्रकरण 1991
-धारा 138 एनआई प्रकरण 2143
-मोटर क्लेम प्रकरण 1814
-विद्युत प्रकरण 2815
-वैवाहिक प्रकरण 69
-सिविल प्रकरण 1453
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-प्रीलिटीगेशन
बैंक- 3500
-विद्युत- 300
-जलकर- 5000
-दूूरभाष- 729 मामले रख जाएंगे।
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