पत्रिका ने ‘बगैर गुणवत्ता परखे भेज दिया 72 हजार क्विंटल चावल की रैक’ का मुद्दा प्रमुखता से उठाया तो अफसरों में खलबली मच गई। मामले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पीएस ने विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक एलएल अहिरवार की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच कराई तो मामला सही पाया गया। जांच टीम ने पीटीएस गोदाम में दस्तावेजों की दो दिन तक जांच की। जिसमें तत्कालीन नान प्रबंधक आरके चौधरी और वेयर हाउस प्रबंधक संतोष खलको की मनमानी सामने आयी।
जांच रिपेार्ट में सामने आया कि तत्कालीन प्रबंधकों ने सरकार के खजाने को बीस लाख रुपए से अधिक की चपत लगाने की तैयारी में थे। इसके अलावा शासन की डिमांड पर चावल को गोदाम के बजाए, सीधे मिल से रैक प्वाइंट पर भेज दिया गया। जांच रिपोर्ट पीएसम के पास पहुंचने के बाद खुलासा हुआ था कि तत्कालीन प्रबंधक ने 24 मिलरो से गोदाम में चावल जमा कराने के बजाए सीधे रैक प्वाइंट पर भेज दिया था। शासन ने पहले नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबध्ंाक और अब वेयर हाउस के प्रभारी जिला प्रबंधक संतोष खलको को भी रीवा से स्थानांतरण कर दिया है। उधर, 24 मिलरो को नोटिस जारी करने की तैयारी है। इसकी सूचना से मिल संचालकों में अफरा-तफरी मची है।
नागरिक आपूर्ति कार्यालय में तत्कालीन जिला प्रबंधक को हटाए जाने के पंद्रह दिन बाद शासन ने नए जिला प्रबंधक को रीवा भेजा है। बताया गया कि मंगलवार को नए जिला प्रबंधक बीएम गुप्ता ने चार्ज संभाल लिया है। नए प्रबंधक राजगढ़ से रीवा भेजे गए हैं। नए प्रबंधक के चार्ज संभालने के बाद कार्यालय का माहौल बदला-बदला सा हो गया है।
पत्रिका ने 16 जून के अंक में बगैर गुणवत्ता परखे 72 हजार क्विंटल चावल की भेज दी रैक शीर्षक पर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की तो अधिकारियों में हडकंप मच गया। 17 जून को भोपाल से जांच टीम रीवा पहुंची। जांच टीम का दो दिन तक डेरा रहा। 18 की शाम को टीम जांच रिपोर्ट लेकर भोपाल लौट गई। अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।