– राजस्व और वन विभाग की है भूमि
जिस भूमि पर सोलर पॉवर प्लांट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, वर्तमान में वह राजस्व और वन विभाग की भूमि है। इस भूमि का कुल रकबा 728.361 हेक्टेयर है। जिसमें 17.603 हेक्टेयर वन भूमि का हिस्सा भी शामिल है। प्लांट के लिए 23.067 हेक्टेयर निजी भूमि का भी अधिग्रहण करना होगा। इससे जुड़े दस्तावेज भी प्रस्ताव के साथ शासन को भेजे गए हैं।
– दो इकाइयों का होगा प्लांट
सोलर पॉवर प्लांट दो इकाइयों में लगाने की तैयारी है। इसके एक हिस्से में 346.873 हेक्टेयर भूमि है और दूसरे हिस्से में 358.421 हेक्टेयर भूमि है। प्लांट के लिए निजी भूमि का भी अधिग्रहण प्रस्तावित किया गया है। सूत्रों की मानें तो एक इकाई 200 मेगावॉट और दूसरी 150 मेगावॉट उत्पादन क्षमता की होगी।
– सरकार का मॉडल प्रोजेक्ट रहा है रीवा का प्लांट
बदवार पहाड़ में स्थापित 750 मेगावॉट क्षमता का सोलर पॉवर प्लांट केन्द्र सरकार का माडल प्रोजेक्ट भी रह चुका है। बीते साल 121 देशों की सोलर समिटि में इसका प्रजेंटेशन हुआ था। जिसमें दुनिया का यह बताया गया कि ऐसी भूमि का सोलर पॉवर प्लांट के लिए उपयोग किया गया है, जो न तो कृषि के योग्य है और न ही यहां पर किसी तरह को पेड-़पौधे तैयार किए जा सकते थे। इसी प्रजेंटेशन के बाद कई देशों ने अब बंजर भूमि को सोलर प्लांट के रूप में प्रयोग करने करने का निर्णय लिया है। इसी के तहत क्योंटी में भी जो प्लांट लगाने की तैयारी है, उस भूमि का भी कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
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क्योंटी में नया सोलर पॉवर प्लांट लगाने के लिए सर्वे किया गया है। शासन को प्रस्ताव भेजा है। यहां पर 350 मेगावॉट क्षमता का प्लांट लगाया जा सकता है। शासन से आगे जैसा भी निर्देश मिलेगा कार्रवाई करेंगे।
एसएस गौतम, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी