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पंचायतों में नहीं बनाई गई एक भी गौशाला, किसान रातभर जागकर करते हैं खेतों की रखवाली

locationरीवाPublished: Jan 16, 2020 11:45:58 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

आवारा मवेशियों ने उड़ाई किसानों की नींद

financial grant for operate cowshed in Singrauli

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रीवा/नईगढ़ी. पिछल एक दशक से रीवा जिले का किसान आवारा पशुओं से खासा परेशान है। इनकी चहल कदमी ने किसानों का जीना कर दिया है। आवारा मवेशियों के आतंक से लगभग 40 प्रतिशत किसानों ने खेती से मुंह मोडऩा शुरू कर दिया है। वहीं गांवों मेंं हालत यह है कि किसान रातभर जागकर खेतों की रखवाली करते हैं, इसके बाद भी उनकी फसल नहीं बचती। आवारा मवेशियों ने किसानों की नींद उड़ाई हुई है।
पशु पालक गाय-भैंसों को छोड़ देते हैं खेतों में
आंकड़ों की बात करें तो भारतीय सकल राष्ट्रीय आय में किसानी का प्रतिशत 50 से भी ऊपर है। जो किसी भी देश की आर्थिक उन्नति में मायने रखता है। ऐरा के लिए जितना शासन-प्रशासन जिम्मेदार है उससे कहीं ज्यादा आम आदमी और पशुपालक इसके लिए जिम्मेदार हैं। बताया गया है कि जो गाय दूध देना बंद कर देती है पशु पालक उसे खूंटे से नहीं बांधना चाहता है जिसका सीधा नुकसान किसान को ही उठाना पड़ रहा है। जब से ट्रैक्टर से खेती होने लगी तब से खेती में बैलों का भी महत्व घट गया है। बैल भी खुले में छोडऩे से कृषि पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिसके कारण किसान का खेती से मोहभंग हो रहा है। आवारा पशुओं की यही स्थिति रही तो आने वाले समय में किसान को भूखों मरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। क्योंकि किसान लगातार खेती करना बंद करता जा रहा है।
पंचायतों में नहीं बनी गौशाला
शासन द्वारा किसान एवं गोवंश हित में पंचातों में गौशाला का निर्माण कराने की घोषणा की थी। जहां आवारा पशुओं को भोजन पानी आदि की समुचित व्यवस्था होगी। इस योजना के तहत नईगढ़ी विकासखंड के ग्राम पंचायत पैकनगांव, कोट एवं शिवराजपुर में गौशाला खोले जाने के लिए आदेश किए गए लेकिन आज तक गौशाला का निर्माण नहीं कराया गया। उधर आवारा मवेशी फसल नष्ट कर रहे हैं। किसानों का कहना है, पंचायतों में गौशाला का निर्माण हो जाए तो समस्या से निजात मिल सकती है।
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