रीवा

अब शहर के बीच नहीं चलेंगी डेयरी, जानिए एनजीटी ने क्या कहा

नगरीय प्रशासन विभाग ने छह माह में कार्रवाई करने के लिए लिखा पत्र, एनजीटी के निर्देश के बाद शुरू की गई फिर से प्रक्रिया

रीवाDec 06, 2017 / 12:16 pm

Mrigendra Singh

Now the dairy will not run in the middle of the city know what the NGT

रीवा। शहर के भीतर लंबे समय से संचालित दूध डेयरियों से हो रहे प्रदूषण और गंदगी को लेकर लगातार आरोप लगाए जाते रहे हैं। शासन ने इन डेयरियों को हटाने कई बार आश्वासन दिया और प्रयास भी शुरू हुए लेकिन वह अंजाम तक व्यवस्था को नहीं पहुंचा पाए। कुछ मोहल्लों में डेयरी हटाने को लेकर धरना-प्रदर्शन भी किए गए। अब सरकार ने विस्तृत गाइड लाइन जारी करते हुए कहा है कि हर हाल में शहर के बाहर डेयरियों को शिफ्ट किया जाए।
शासन का आया पत्र
इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगर निगम आयुक्त को पत्र भेजा गया है कि वह शहर के भीतर संचालित सभी दूध डेयरी को चिन्हित करें और उनके लिए भूमि की उपलब्धता के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजें। वहीं एक पत्र नगरीय प्रशासन विभाग ने कलेक्टर को भी भेजा है जिसमें कहा गया है कि शहर और कस्बों के भीतर संचालित हो रही डेयरी को हटाने के लिए नए स्थान चिन्हित कर आवंटित कराएं।
नए स्थान पर विकास कार्य कराएगा निगम
शहर से बाहर डेयरी विस्थापन के लिए स्थान चिन्हित करने का काम कलेक्टर का होगा। वह नगरीय निकाय के अधिकारियों को जानकारी देंगे। इन स्थानों पर निकाय विकास कार्य कराएगा। चिन्हित किए गए नए स्थानों पर होने वाले विकास कार्यों में खर्च होने वाली राशि आवंटतियों से वसूल करने का कार्य स्थानीय नगरीय निकाय का होगा।
नालों को कर रही हैं प्रदूषित
शहर में 34 दूध डेयरी नगर निगम ने चिन्हित की है। इसमें अधिकांश नालों के किनारे स्थापित हैं। इन नालों में गोबर सहित अन्य गंदगी बहाई जा रही है। पूर्व में भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोटिस देकर इन्हें शहर से बाहर किए जाने के लिए निगम को पत्र भेजा था। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले भी कहा था कि ऐसी डेयरी बाहर करें जो शहर में प्रदूषण फैलाने का प्रमुख कारण बन रही है।
छह माह के भीतर डेयरी हटाना चुनौती
शहर के भीतर संचालित डेयरियों को हटाने के लिए सरकार ने ६ महीने का समय दिया है। करीब दस वर्षों से आश्वासन दे रही सरकार ने इस बार कड़े निर्देश जारी किए हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रशासन इस अवधि में शिफ्टिंग कर पाएगा यह बड़ी चुनौती है। अब तक कोई क्षेत्र भी चिन्हित नहीं किया जा सका है। पूर्व में मैदानी, रायपुर कर्चुलियान, सगरा, हरिहरपुर, सिलपरा आदि क्षेत्रों में संभावना तलाशी गई थी लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हो पाया था।
विस्थापन के लिए विभागों को दी जिम्मेदारी
नगरीय विकास एवं आवास विभाग
नगरीय निकायों के समीप चिन्हित भूमि को मापदंडों के अनुसार निकायों को हस्तांतरित कराने में मदद करना।
नगरीय निकाय
राजस्व विभाग द्वारा चिन्हित भूमि का विकास करना, शिफ्टिंग कराना, प्रतिबंधित क्षेत्र में पाले जा रहे मवेशियों को पकडऩा, प्रकरण तैयार कर प्रीमियम, भू-भाटक और विकास कार्य की राशि जमा कराना, सभी दस्तावेज राजस्व अधिकारियों और कलेक्टर को सौंपना।
पशुधन विभाग
व्यवस्थापन स्थल पर सहायता करना, पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करना।
राजस्व विभाग
डेयरी विस्थापन के लिए भूमि नगरीय विकास एवं आवास विभाग को उपलब्ध कराना, पट्टे के दस्तावेज तैयार कराना, विस्थापन के बाद पर्यवेक्षण।
विद्युत वितरण कंपनी
बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन तैयार कराना, राशि जमा कराने और बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने का काम।
वाणिज्यकर विभाग
डेयरी के लिए पट्टा देने में मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क में छूट देने का काम वाणिज्यिक कर विभाग करेगा।
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