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एसजीएमएच में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर नर्सिंग स्टॉफ, जूडा ने भी काम बंद किया, परेशान हो रहे मरीज

locationरीवाPublished: Jul 23, 2018 01:32:50 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

सातवां वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर है आक्रोश…

Nurse and doctor on strike in Vindhya largest hospital, patient upset

Nurse and doctor on strike in Vindhya largest hospital, patient upset

रीवा। श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल संजय गांधी अस्पताल व गांधी स्मारक चिकित्सालय में सोमवार को उस समय मरीज परेशान हो गए, जब मांगों को लेकर दोनो अस्पताल की नर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं। मांगों को लेकर नर्स के साथ जूनियर डॉक्टरों ने भी अपनी मांग को लेकर काम बंद कर दिया है। नतीजा मरीजों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। हालांकि नर्सिंग कॉलेजों की छात्राओं ने मोर्चा संभाला है। सीनियर डॉक्टर भी अस्पताल पहुंच गए हैं। ताकि जूनियर डॉक्टरों के काम बंद करने से ज्यादा समस्या न उत्पन्न हो।
अस्पताल पहुंचकर धरने पर बैठ गई नर्स
पूर्व घोषणा के मुताबिक नर्सिंग स्टॉफ सुबह अस्पताल पहुंचा, लेकिन वार्डों में जाने के बजाए धरने पर बैठ गया। नर्सिंग एसोसिएशन के आह्वान पर सातवां वेतनमान देने सहित अन्य दूसरी मांगों को लेकर धरने पर बैठे स्टॉप ने जमकर नारेबाजी की। धरनारत स्टॉफ ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी, हड़ताल जारी रहेगी।
नर्सों की ओर से पहले दी जा चुकी है चेतावनी
इसी महीने ९ जुलाई को नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टॉफ की ओर से सांकेतिक हड़ताल कर मांग पूरी नहीं किए जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी गई थी। चेतावनी के मद्देनजर दोनों ही अस्पतालों के नर्सिंग स्टॉफ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
मरीजों को नहीं हुई कोई खास परेशानी
अस्पतालों में नर्सिंग स्टॉफ की हड़ताल के चलते मरीजों को कुछ खास परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। क्योंकि नर्सिंग कॉलेज की वरिष्ठ छात्राओं की सेवा ली जा रही है। जूनियर डॉक्टर की जगह सीनियर डॉक्टरों की अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी भी लगा दी गई है। जिससे मरीजों को तात्कालिक रूप में सेवा मिल रही है।
ओपीडी हुई प्रभावित, मरीज हुए परेशान
हालांकि सीनियर डॉक्टरों के इमरजेंसी सेवा में चले जाने के चलते ओपीडी प्रभावित हुई है। सप्ताह का पहला दिन होने के चलते एक ओर जहां पर्ची काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन देखी गई। वहीं ओपीडी में आधे से भी कम डॉक्टर ड्यूटी में मिले। ज्यादातर ने अस्पताल के वार्डों में ड्यूटी दिया।
इन मांगों को लेकर की जा रही है हड़ताल
नर्स स्टॉफ की हड़ताल सातवां वेतनमान, समयमान-वेतनमान व परीविक्षा अवधि समाप्त करने को लेकर है। जबकि जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि जूनियर डॉक्टरों की मांग पर शासन स्तर के अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच बातचीत जारी है। दोनों की स्टॉफ की हड़ताल राज्य स्तर पर है।
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