खौफ के साये में नर्सिंग छात्राएं
रीवाPublished: Jul 14, 2017 12:01:00 pm
प्रशिक्षण संस्थान की बिल्डिंग में पड़ी दरारें कमरों में टपक रही छत, लगाई रहीं गुहार
Nursing students in the shadow of awe
रीवा। सैकड़ों नर्सिंग छात्राएं खौफ के साए में जी रही हैं। जिन कमरों में वे रहती हैं उसकी छत कब गिर जाएगी इस भय में उनकी दिन और रात कटती है। कभी छत का प्लास्टर गिरता है तो बारिश में सीलन से करंट उतर आता है। पढ़ाई पूरी करने के लिए वे जान जोखिम में डालकर रह रही हैं। कई बार गुहार लगा चुकी है लेकिन अस्पताल प्रबंधन उन्हें सुरक्षित स्थान मुहैया नहीं करा सका है।
बात कर रहे हैं गांधी स्मारक चिकित्सालय से संबद्ध नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान की। जहां सिर के ऊपर जर्जर छत है। बिल्डिंग की दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं। गुरुवार को एक बार फिर नर्सिंग छात्राओं का गुस्सा फूटा। गुस्साईं छात्राएं अस्पताल के उपअधीक्षक डॉ. एसके पाठक से मिली। बताया कि तीन दिन से बारिश हो रही है। हॉस्टल की छत टपक रही है। बरामदे में रात गुजारनी पड़ रही है। छत से प्लास्टर गिर रहा है। कई कमरों में सीलन की वजह से बिजली का करंट उतर रहा है। प्राचार्य ने कई बार लिखित शिकायत की है। आखिर हॉस्टल का मरम्मतीकरण क्यों नहीं हो रहा है। कब कौन सी छत गिर जाएगी कहा नहीं जा सकता है। हादसे का अंदेशा रहता है। रात भर सही से सो नहीं पाते हैं। नर्सिंग छात्राओं की बात सुनने के बाद उपअधीक्षक डॉ. पाठक ने अधीक्षक और डीन के पास लिखित शिकायत करने के लिए कहा। जिस पर छात्राएं बोलीं सर आप चलिए, देख लीजिए। आप ही कुछ करा सकते हैं। जिसके बाद उपअधीक्षक ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को फोन कर हास्टल की समस्या दूर करने के लिए कहा। तब जाकर छात्राएं शांत हुई।
छह दिन से नहीं आ रहा पानी
समस्या केवल जर्जर भवन में रहने की नहीं है बल्कि छह दिन से हॉस्टल मेें पीने के पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। बताया गया कि मोटर खराब है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को प्राचार्या ने सूचना दी थी। इंजीनियर आए थे पर अभी तक सुधार कार्य नहीं किया गया है।
पीडब्ल्यूडी से सांठगांठ
नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान के मेंंटीनेंस के लिए करीब 14.50 लाख रुपए स्वीकृति हैं। पीडब्ल्यूडी को कार्य करना है। अभी तक केवल बाउंड्रीवॉल बनी है शेष कार्य नहीं किए गए हैं। कई महीने से कार्य बंद है। अस्पताल प्रबंधन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अधूरे कार्य की जानकारी तक नहीं ली। सूत्रों की माने तो प्रशिक्षण संस्थान की दुर्दशा के लिए अस्पताल प्रबंधन ही जिम्मेदार है। पीडब्ल्यूडी से सांठगांठ चल रही है।