कलेक्टर ने छात्राओं की समस्याएं सुनी और कहा, प्रिंसिपल को हटाने का अधिकार नहीं है। आवेदन दीजिए, जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर के समझाइस के बाद भी छात्राएं परिसर में करीब ढाई घंटे तक बैठीं रहीं। अफसरों के आवश्वासन के बाद छात्राएं हॉस्टल के लिए लौटीं। छात्राओं की ओर से जिला प्रशासन को दिए गए आवेदन में कहा गया है कि जनरल नर्सिंग की छात्राएं दो साल से नर्सिंग हॉस्टल में रह रही हैं। छात्राओं को आर्थिक और मानसिक रुप से परेशान किया जा रहा है। मेस के लिए 1400 रुपए देते हैं इसके बावजूद भोजन में हरी सब्जी नहीं दी जाती है। हॉस्टल में ५९ नर्सिंग छात्राएं रहती हैं। छात्राओं ने नर्सिंग हॉस्टल में प्रिंसिपल की जांच कराकर कार्रवाई की मांग उठाई है।
जीएमएच परिसर में स्थित गल्र्स हॉस्टल में प्रिंसिपल की मनमानी से हॉस्टल में शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है। छात्राओं ने कलेक्टर को बताया कि प्रिंसिपल की मनमानी के चलते छात्राएं पढ़ नहीं पा रही हैं। पिछले कई दिनों से हॉस्पटल का महौल बिगड़ गया है। हॉस्पिटल प्रबंधन से शिकायत के बाद भी समस्याएं दूर नहीं हो रही हैं। कई बार प्रिंसिपल की मनमानी की शिकायत कर चुके हैं, इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा ह