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केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में ओबीसी संगठन ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

locationरीवाPublished: Dec 03, 2020 08:42:45 am

Submitted by:

Rajesh Patel

कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन पर भडक़े कलेक्टर, बोले गेट पर धारा-144 लगी है बाहर जाएं, कलेक्टर की समझाइस के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने हुजूर तहसीलदार को सौंपा छह सूत्रीय मांगों का पत्र

OBC protests against collectorate against agricultural laws

OBC protests against collectorate against agricultural laws

OBC protests against collectorate against agricultural laws
rajesh IMAGE CREDIT: patrika
रीवा. ओबीसी संगठन की अगुवाई में सरदार सेना सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी केन्द्र सरकार के द्वारा लाए गए बिल के विरोध और दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। पदाधिकाररियों ने सामूहिक रूप से कलेक्टर कार्यालय के सामने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। परिसर में नारे की गूंज कलेक्टर कार्यालय में पहुंची तो कलेक्टर कार्यालय से बाहर आ गए।
गेट पर रोक है, बाहर जाइए
कलेक्टर इलैयाराजा टी गेट पर प्रदर्शनकारियों को समझाइस दी। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना काल में सामूहिक रूप से प्रधिबंध पर रोक लगाई है। गेट पर धारा 144 लागू है। इसके लिए गाइड लाइन जारी की गई है। बाहर चले जाइए। परमिशन लेकर पांच लोग मिल सकते हैं। मास्क लगाकर नहीं आए हो। जवाब में संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि किसानों के अधिकार के लिए ज्ञापन सौंपने आए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा किसानों के अधिकार को दबाने की कोशिश
प्रदर्शन कर रहे संगठन के कुछ पदाधिकारी ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन को दबाया जा रहा है। इस पर कलेक्टर ने नियम-कायदे का तर्क देते हुए सुरक्षा कर्मचारियों से कहा कि प्रदर्शन कर रहे लोगों के नाम नोट कर लो। बाद में कलेक्टर की समझाइस पर संगठन के पदाधिकारी हुजूर तहसीलदार को ज्ञापन देने के लिए मुख्य गेट पर पहुंचे।
हुजूर तहसीलदार को सौंपा छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन
छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देकर कहा कि केन्द्र सरकार के द्वारा लाए गए कृषि बिलों को तत्काल प्रभाव से वापस किया जाए। कोविड-19 महामारी में जब देश के उद्योग धंधे मंदी की मार झेल रहा है किसानों ने ही देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया है। प्रस्तावित बिजली संधोधन विधेयक-2020 रद्द किया जाए। स्वामीनाथन की रिपोर्ट तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
पीडि़त परिवारों को एक करोड़ का मुआवजा
किसान संगठन से अविलंब बिना किसी शर्त चर्चा किया जाए। किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों पर थोपे गए मुकदमें वापस किया जाए। इसा दौरान सरकार सेना के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश डायमंड की अगुवाई में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पप्पू कनौजिया, ओबीसी डॉ पुष्पराज सिंह, चंद्रशेषर, राज पटेल, सत्रुधन पटेल, बीएल सेन सहित कई अन्य संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
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