scriptएमपी के इस जिले में मंत्री, सांसद व विधायक ने स्कूलों की ‘एक शाला एक योजना’ पर जताई आपत्ति, सरकार तक पहुंचा मामला | Objection of Minister, MP, MLA on one school one campus plan in Rewa | Patrika News

एमपी के इस जिले में मंत्री, सांसद व विधायक ने स्कूलों की ‘एक शाला एक योजना’ पर जताई आपत्ति, सरकार तक पहुंचा मामला

locationरीवाPublished: Sep 24, 2018 12:07:42 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

डीइओ ने भी लिखा पत्र…

School Education video conferencing

School Education video conferencing

रीवा। शासन की एक शाला एक परिसर योजना के तहत एक स्कूल का दूसरे स्कूल में हो रहे संविलियन को रोकने के बावत सांसद के अलावा एक विधायक ने भी सिफारिश की है। उद्योग मंत्री की ओर से पहले ही एक विद्यालय की सिफारिश की जा चुकी है। सांसद, मंत्री व विधायक की सिफारिश पर आधारित प्रस्ताव शिक्षा अधिकारियों ने आयुक्त लोक शिक्षण को भेज दिया है। अब देखना यह है कि जनप्रतिनिधियों की सिफारिश पर शासन स्तर के अधिकारी क्या फैसला लेते हैं।
तीन जनप्रतिनिधियों ने तीन शालाओं को लेकर जताई आपत्ति
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आयुक्त को भेजे गए प्रस्ताव के मद्देनजर सांसद जनार्दन मिश्रा ने हनुमना विकासखंड के शासकीय माध्यमिक शाला धौसड़ के साथ प्राथमिक शाला तेदुआ के संविलियन पर आपत्ति जताई है। साथ ही संविलियन नहीं करने की बात कही है। तर्क है कि एक ओर जहां दोनों शालाओं के बीच की दूरी १०० मीटर से अधिक है। वहीं दूसरी ओर दोनों अलग-अलग राजस्व ग्राम में स्थित है।
विधायक मऊगंज की ओर से आई यह आपत्ति
इसी प्रकार मऊगंज विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने डीइओ से लिखित रूप में कहा है कि शासकीय माध्यमिक शाला बालक खटखरी व माध्यमिक शाला कन्या खटखरी एक ही परिसर में संचालित होने के चलते दोनों शालाएं एक हो जाएंगी। जबकि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खटखरी दूसरे परिसर में नवीन भवन में स्थानांतरित किया जाना है, इसलिए इस विद्यालय को योजना से पृथक रखा जाए। गौरतलब है कि उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ला पहले ही शाउमावि क्रमांक एक को योजना से पृथक रखने की सिफारिश लगा चुके हैं।
तर्क है कि पुराने विद्यालय का अस्तित्व हो जाएगा खत्म
उद्योग मंत्री ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-दो को योजना से पृथक रखते हुए उपरहटी में स्थानांतरित किए जाने की बात कही है। कहना है कि शाउमावि क्रमांक दो वर्षों पुराना विद्यालय है। इसके उपरहटी में स्थानांतरित किए जाने पर वहां आसपास के मोहल्ले के बच्चों को जहां पढ़ाई में सुविधा होगी। वहीं दूसरी ओर एक वर्षों पुराने विद्यालय का अस्तित्व समाप्त होने से बच जाएगा। शाउमावि क्रमांक-दो का शाउमावि क्रमांक-एक में संविलियन किया जाना है।
विद्यालयों को शासन स्तर से राहत मिलना है संभव
सांसद व मंत्री के साथ विधायक की ओर से की गई सिफारिश पर राहत मिलना शासन स्तर से ही संभव है। शासन स्तर पर संविलियन के बावत तैयार की गई सूची से इन विद्यालयों को बाहर नहीं किया गया तो इनका संविलियन से मुक्त हो पाना संभव नहीं होगा। संविलियन के बावत तैयार की गई सूची से विद्यालयों को बाहर करना शासन स्तर के अधिकारियों के ही अधिकार क्षेत्र में है। यही वजह है कि जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से सिफारिश के प्रस्ताव को आयुक्त कार्यालय भेज दिया गया है।
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