सरकार प्रदेश के बाहर फंसे अभी तक रीवा में 36 हजार प्रवासियों को लाने में सफल रही। रेकार्ड के मुताबिक अब तक प्रवासियों को लेकर रीवा रेलव स्टेशन पर 17 श्रमिक स्पेशल ट्रेने आ चुकी हैं। प्रदेश के बाहर फंसे श्रमिकों के नोडल अधिकारी पंकजराव खेड़े ने बताया कि अब तक 36 हजार श्रमिक ट्रेन व बसों से लाए जा चुके हैं। इसके अलावा अन्य साशन से भी श्रमिक पहुंचे हैं। उनकी संख्या में इसमें शामिल नहीं है।
प्रदेश के बाहर मुंबई, गुजरात में फंसे श्रमिक प्रतिदिन हजारो की संख्या में स्वयं पहुंच रहे हैं। सरकारी सुविधाओं के इंतजार में अधिकांश श्रमिकों की आंखे पथरा गईं। लॉकडाउन का सब्र टूट गया। घर के लिए पैदल ही कूच कर दिए। रास्ते में ट्रक, ट्रेलर, बस आदि की छतों पर जानजोखिम में डाल कर सफर कर रहे हैं। ट्रकों की छतों पर सफर कर रहे प्रवासियों की तस्वीरें खुद ब खुद हकीकत बयां कर रही हैं।
पंचायतों की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान बाहर से करीब चालीस हजार प्रवासी गांव वापस आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 37 हजार से अधिक प्रवासियों की स्क्रीनिंग की है। जबकि लॉकडाउन प्रारंभ होते ही बिना स्क्रीनिंक कराए भी लोग गांव में पहुंच गए हैं।