जानकारी दी गई है कि रायपुर कर्चुलियान विकासखण्ड अंतर्गत हजारों एकड़ में बोई गई प्याज की फसल बिक्री न होने के कारण व संधारण के अभाव में खुले आसमान के नीचे सड़ रही है।
किसानों की आय का दुगना करने का शासन का द्वारा दावा तो किया जा रहा है लेकिन वह निराधार साबित हुआ है।
रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरी में यह घटना देखने को मिल रही है।
रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरी में यह घटना देखने को मिल रही है।
उमरी निवासी किसान रामचरित पटेल पिता राजकुमार ने बताया कि 18 एकड़ से अधिक के खेत में प्याज की फसल बोई जा रही है। कभी-कभी प्याज का उचित मूल्य तो मिल जाता है किंतु इस वर्ष ना तो शासन के द्वारा खरीदी की गई है और ना ही भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही लाकडाउन से बाहर ले जा पाए जिसके कारण हमारी पूरी प्याज बगीचे में सड़ रही है।
उन्होंने बताया कि खुले आसमान के नीचे उनकी 1500 क्विंटल से अधिक प्याज हैद्व जिसमें 8 लाख का खर्चा आया है। इसी प्रकार इसी गांव के निवासी गेंदलाल पटेल ने बताया कि उन्होंने 5 एकड़ के खेत में प्याज की फसल बोई थी। जिसका अच्छा उत्पादन रहा। शासन के द्वारा खरीदी नहीं किए जाने के कारण भंडारण के अभाव में अब सड़ रही है।
बताया कि प्याज सड़ जाने से कई क्विंटल प्याज को पानी में फेंक दिया गया है। उन्होंने कहा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए जो शासन द्वारा बात की जाती है वह निराधार है। इसी प्रकार किसान अवनीश कुमार ने बताया कि गांव में तीन रुपए किलो प्याज मांगते हैं।
लागत भी नहीं निकल रही है, ऐसे में किसानों को भूखों मरने की नौबत आ गई है। उन्होंने मांग की है कि शासन को या तो खरीदी करनी चाहिए या उचित मुआवजा सर्वे करा कर देना चाहिए। गांव के किसान संतलाल पिता नर्मदा प्रसाद ने बताया कि प्याज को तैयार करने के लिए महंगा बीज खरीदा और मजदूरों के माध्यम से लगवाया।
प्याज के संधारण लंबा खर्चा हो रहा है, प्याज सड़ रही है। लाखों रुपए का नुकासान हो रहा है। वहीं क्षेत्र के किसान बृजेश कुमार सोनी, बीएल वर्मा, राजीव, रमेश, सुधीर, सुनील आदि ने भी बताया कि उनकी भी प्याज भंडारण के अभाव में सड़ रही है।