उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर, रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर एवं जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर को चुना है कि ये छात्रों के लिए पाठ्य सामग्री तैयार कराएंगे। साथ ही भोज विश्वविद्यालय का भी सहयोग लेने की बात कही गई है। सभी विश्वविद्यालयों को अलग-अलग कक्षा और विषयवार व्याख्यान तैयार करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा का नाम नहीं है।
सरकार ने आकाशवाणी से कार्यक्रम प्रसारित कर छात्रों को दिलवाए जाने का आदेश तो जारी कर दिया है लेकिन वर्तमान में रेडियो काफी कम छात्रों के पास है। मोबाइल पर भी आकाशवाणी रीवा से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम सुनाई नहीं देते। एफएम प्रारंभ किया गया है लेकिन इसमें केवल विविधभारती के कार्यक्रम मोबाइल के जरिए सुने जा रहे हैं। छात्रों ने मांग उठाई है कि आकाशवाणी द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम की लिंक मोबाइल पर भी दी जाए ताकि वह भी सुन सकें।
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सरकार का निर्देश आया है कि एक अक्टूबर से आनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी। अभी सभी कालेज ओपन बुक प्रणाली की परीक्षा और सीएलसी के जरिए प्रवेश प्रक्रिया में जुटे हैं। कालेज स्तर पर गूगल मीट से आनलाइन कक्षाएं चलाई जाएंगी।
डॉ. पंकज श्रीवास्तव, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा