– अपनी ही रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं कर रहा निगम
हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद नगर निगम ने पूरे शहर में जांच कराई थी और कोर्ट को जवाब दिया था कि जांच में जितने भी बिना नियम के संचालित हो रहे हैं। उन सब पर कार्रवाई की जाएगी। इनदिनों मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले भानूप्रताप सिंह ने अब नगर निगम आयुक्त से फिर से ज्ञापन देकर मांग उठाई है कि जितने बारातघरों की जांच रिपोर्ट में कमियां पाई गई हैं, उन पर सख्त कार्रवाई हो।
– निगम की अनुमति के बिना निर्माण पर सवाल
नगर निगम की बिना अनुमति शहर में किसी भी निजी या व्यवसायिक भवन का पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता है। ऐसे में लगातार निर्माण किसके संरक्षण पर हो रहा है, यह भी बड़ा सवाल है। कुछ महीने पहले नगर निगम के परिषद में कई विपक्ष एवं निर्दलीय पार्षदों की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों और संबंधित वार्डों में कार्य कर रहे कर्मचारियों की मिली भगत से निर्माण हो रहा है।
– चार हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल का होना अनिवार्य
बारातघरों के लिए पहली अनिवार्यता चार हजार वर्गमीटर स्थान की है। यह कुछ चिन्हित बारातघर ही पूरा कर रहे हैं। कम क्षेत्रफल वाले वैध नहीं किए जा सकते। इसके साथ ही क्षमता के अनुरूप वाहन पाॢकंग, फायर फाइटिंग सिस्टम सहित अन्य कई महत्वपूर्ण शर्तों का पालन नहीं हो रहा है फिर भी बारातघर संचालित हो रहे हैं।
– इन शर्तों का पालन होना आवश्यक
– न्यूनतम चार हजार वर्गमीटर भूखंड।
– सामने की ओर सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 12 मीटर।
– न्यूनतम अग्रभाग 25 मीटर।
-अधिकतम अ’छादित क्षेत्र 10 प्रतिशत।
– वाहन पार्किंग भूखंड क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत हिस्सा।
– न्यूनतम खुला क्षेत्र चारों ओर छह मीटर।
– भवन अनुज्ञा की स्थिति का पालन।
– अग्रिशमन संयंत्रों की पर्याप्त व्यवस्था।
– प्रवेश और निकासी के अलग-अलग मार्ग।
– पानी, स्व’छता और प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था।
– ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का इंतजाम।
– वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की उपलब्धता।
– गंदे पानी की निकासी और प्रदूषण नियंत्रण के मानके अनुसार इंतजाम।
—
– इन बारातघरों की जांच में पाई गई थी कमियां
नगर निगम ने हाईकोर्ट में जिन बारातघरों की रिपोर्ट प्रस्तुत कर बताया है कि नियमों का पालन नहीं हो रहा है। उसमें प्रमुख रूप से रामवन, अशोक वाटिका ढेकहा, आशीर्वाद विवाहघर, अभिनंदन मैरिज गार्डन, संस्कार मैरिज गार्डन, संकल्प विवाहघर, शिवमंडपम, बांके बिहारी मैरिज गार्डन, प्रताप हेरिटेज, आशियाना मैरिज गार्डन, श्रीराम मैरिज गार्डन, ओमसाईं मैरिज गार्डन, परिणय वाटिका, गठबंधन मैरिज गार्डन, अमरदीप मैरिज गार्डन, रायल पैलेस, उत्सव राजविलास, स्वयंबर मैरिज गार्डन, वृंदावन गार्डन, गंगोत्री गार्डन, दुल्हन मैरिज गार्डन, प्रिंस मैरिज गार्डन, हरिओम मैरिज गार्डन, गीतांजलि मैरिज गार्डन, खुशी मैरिज गार्डन बदरांव आदि हैं। इस रिपोर्ट के बाद भी कई नए बारातघर कुछ महीने पहले ही शुरू किए गए हैं, उसमें से अधिकांश नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
– —
बारातघरों के संचालन की अनुमति देने का नियम शासन ने तय कर रखा है। इनकी जांच कराई जाएगी, यदि अब व्यवस्थाएं नियमों के अनुसार नहीं पाई जाएंगी तो कार्रवाई करेंगे।
सभाजीत यादव, आयुक्त नगर निगम