scriptआरटीआई से हुआ खुलासा: लॉकडाउन में बस्ती उजाडऩे के पीछे पूर्व मंत्री व प्रमुख सचिव के आदेश को प्रशासन ने बनाया आधार | order made by former minister behind the destruction of the township | Patrika News

आरटीआई से हुआ खुलासा: लॉकडाउन में बस्ती उजाडऩे के पीछे पूर्व मंत्री व प्रमुख सचिव के आदेश को प्रशासन ने बनाया आधार

locationरीवाPublished: May 27, 2020 02:13:41 am

Submitted by:

Anil singh kushwah

जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए सीएम व सीएस से आग्रह

दमोह में चला प्रशासन का बुल्डोजर, यहां रह गई चूक...Video

दमोह में चला प्रशासन का बुल्डोजर, यहां रह गई चूक…Video

रीवा. लॉकडाउन के दौरान रीवा नगर निगम प्रशासन ने गरीब बस्ती पर बुलडोजर चला वहां रह रहे लोगों को बेघर कर दिया। सौंदर्यीकरण के नाम पर की गई इस कार्रवाई के पीछे निगम प्रशासन ने पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल द्वारा बुलाई गई बैठक और नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव के आदेश को आधार बनाया है। इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है। प्रशासन की मनमानी पर अब मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से जिमेदारों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया गया है।
रतहरा में अतिक्रमण हटाने की चल रही कार्रवाई
रीवा के रतहरा तालाब बस्ती में 100 से अधिक परिवार निवास करते हैं। यहां के सौंदर्यीकरण किए जाने के लिए प्रशासन ने बस्ती के लोगों को हटाने का प्रयास किया लेकिन प्रशासन को इसमें सफलता नहीं मिली। लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त संजय दुबे के पत्र को आधार मानते हुए वहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर दी। पत्र के मुताबिक ग्रीन जोन के अलावा ओरेंज जोन क्षेत्र में रुके हुए कार्य प्रारंभ कर दिए, जिससे मजदूरों को काम मिल सके। आरोप है कि प्रशासन ने ऐसे समय गरीबों की बस्ती उजाड़कर उन्हें बेघर कर दिया जब केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि लॉकडाउन के चलते न तो किसी से मकान खाली कराया जाए और न ही उस पर सख्ती की जाए, लेकिन प्रशासन ने बिना कोई सूचना दिए बस्ती उजाड़ दी।
सूचना आयोग को देना पड़ा दखल
आरटीआई आवेदन स्वीकार न होने पर आवेदक शिवानंद द्विवेदी ने राज्य सूचना आयोग में अपील की। इस पर राज्य सूचना आयुक्त ने लॉकडाउन के चलते वाट्सअप पर ही आवेदन स्वीकार करते हुए निगम प्रशासन को आदेश दिया कि आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराई जाए। साथ ही उन्होंने 22 मई तक शपथ पत्र में पूरी जानकारी भी मांगी।
आरोप, पूर्व मंत्री के इशारे पर हुई कार्रवाई
सामाजिक कार्यकर्ता द्विवेदी का कहना है कि उन्हें 18 पन्नों की जानकारी तो उपलब्ध कराई गई लेकिन यह जानकारी अधूरी है। कई तथ्य छिपाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के इशारे पर यह कार्रवाई हुई है। आरटीआइ के जवाब में भी इस बात का उल्लेख है कि पूर्व मंत्री ने निगम अधिकारियों के साथ बैठक की थी, उसके बाद यह कार्रवाई की गई। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया है। यदि न्याय न मिला तो वे कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
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