संभागायुक्त ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने एक विशिष्ट प्रकार का एप जारी किया है जिसका नाम है पीडब्ल्यूडी एप। यह दिव्यांग मतदाताओं को मदद करने के लिए बनाया गया है। दिव्यांग मतदाता घर बैठे ही अपने मतदान केन्द्र की लोकेशन की जानकारी ले सकते हैं तथा चुनाव संबंधी शिकायत भी कर सकते हैं। एक अन्य एप सी-विजिल के माध्यम से वीडियो भी अपलोड किये जा सकते हैं। इसके अलावा टोल न फ्री नम्बर 1950 पर कोई भी समस्या दर्ज करायी जा सकती है।
संभागायुक्त ने कहा कि मतदाता मतदान के दिन स्वयं मतदान करें एवं अपने साथियों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें। साथ ही दिव्यांग मतदाताओं को शत-प्रतिशत मतदान कराने में सहयोग करें। सोच-समझकर उचित निर्णय लेकर ही प्रलोभन में आए बिना मतदान करें। राष्ट्र की बागडोर अच्छे हाथों में सौंपने के लिए समझदारी से निर्णय लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्व में कई ऐसे देश हैं जहां मतदान करना अनिवार्य है। मतदान नहीं करने पर जुर्माना एवं सजा का भी प्रावधान है। लेकिन हमारे देश में मतदान की अनिवार्यता नहीं है बल्कि कत्र्तव्य है। इसलिए अपना कत्र्तव्य समझकर मतदान करें।
संभागायुक्त ने कहा कि हम सौभाग्य शाली हैं कि हमारे देश में संविधान लागू होते ही सबको मतदान का अधिकार मिला है। जबकि स्विट्जरलैण्ड में लोगों को 1974 में मतदान का अधिकार मिला है। शुरूआत में अमेरिका में महिलाओं को मताधिकार प्राप्त नहीं था। काफी संघर्ष के बाद अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का अधिकार प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर प्रभारी डीन एवं अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार, विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग के डॉ. मनोज इंदुलकर, शिशु रोग विभाग के डॉ. नरेश बजाज, ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ. पीके लखटकिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. आदित्य तिवारी, एनाटॉमी विभाग के डॉण् पीजी खानवेलकर, बायोकेमिस्ट्री विभाग के डॉ. पीएस बघेल, स्त्री रोग विभाग की डॉ कल्पना यादव, सर्जरी विभाग की रचना गुप्ता, नाक, कान व गला विभाग के डॉ. सुरेन्द्र सिंह, डॉ. पंकज चौधरी, फैकल्टी मेम्बर, शिक्षकगण तथा आइएम, के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमरीश मिश्रा ने किया।