निरीक्षण के दौरान तहसील कार्यालय एवं छात्रावास में कई अव्यवस्थाएं मिलने पर जिम्मेदारों को कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान संभागायुक्त ने छात्रावास के अधीक्षक एसके त्रिपाठी को निलंबित करने का आदेश दिया। वहीं, तहसील कार्यालय में लापरवाही बरतने पर नायब तहसीलदार प्रवीण त्रिपाठी को चेतावनी दी और रीडर लालमणि साकेत व जगदीश प्रसाद साकेत से जवाब-तलब किया है।
तहसील का निरीक्षण करने के बाद संभागायुक्त डॉ अशोक कुमार भार्गव अनुसूचित जनजातीय सीनियर बालक छात्रावास पहुंचे। जहां निरीक्षण के दौरान समस्याओं का अंबार दिखने पर कड़ी फटकार लगाई। संभागायुक्त ने अधीक्षक से पूंछा कि आप यहां कितने साल से कार्यरत हैं तो अधीक्षक ने जवाब दिया कि मैं यहां चार साल से पदस्थ हूं। इस पर उन्होंने कहा कि चार साल से आपने यहां कुछ नहीं किया। छात्रावास में बच्चे नहीं मिले।
अधीक्षक ने बताया कि अभी 14 बच्चों का प्रवेश हुआ है। जबकि छात्रावास 50 सीटर है। संभागायुक्त ने कहा कि आपने बच्चों का छात्रावास में प्रवेश कराने के लिए कोई रूचि नहीं दिखाई है। निरीक्षण के दौरान छात्रावास में कहीं भी सुविचार एवं सूक्तियां लिखी नहीं पाई गईं। बच्चों के मनोरंजन के लिए टीवी कार्टून में बंद मिली।
मनोरंजन कक्ष की टीवी भी खराब पायी गई । किताबें धूल खाती हुई मिलीं। बच्चों को तकिया, चादर, कम्बल आदि सामान नहीं दिया गया था। खाने-पीने की सामग्री का स्टॉक रजिस्टर बना हुआ नहीं पाया गया।
संभागायुक्त ने जांच की तो अधीक्षक कक्ष की अलमारी में एक्सपायरी तिथि के मसालों के पैकेट रखे हुए पाए गए। इस पर संभागायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों की सेहत से खिलवाड़ नहीं करें। खाद्य सामग्री एवं सब्जियां रखने के लिए भंडार कक्ष नहीं पाया गया। उपस्थिति रजिस्टर में चार बच्चों की छुट्टी दर्ज थी लेकिन उनके आवेदन नहीं पाए गए। छात्रावास की मेस, किचन, मनोरंजन कक्ष, अधीक्षक कक्ष आदि में अत्यधिक गंदगी एवं अस्त-व्यस्त रिकार्ड देखने को मिला।