नईगढ़ी थाने के छदनहाई गांव निवासी अनिल साकेत 5 साल पूर्व लापता हुआ था जिसकी गुमशुदगी नईगढ़ी थाने में दर्ज थी। उसके जिंदा लौट कर आने की परिजन उम्मीद छोड़ चुके थे , लेकिन गत वर्ष उसके पाकिस्तानी के लाहौर जेल में होने की सूचना ने परिजनों के मन में भी आश जगाई। पाकिस्तान ने 14 सितंबर को 111 लोगों को अटारी बॉर्डर से रिहा किया था जिनमें लॉकडाउन की वजह से फंसे फंसे लोगों के साथ रीवा का अनिल भी शामिल था। अनिल लाहौर जेल में बंद था। उसे भी पाकिस्तानी ने रिहा किया।
शुक्रवार को सकुशल अपने घर लौटने पर परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने बच्चे को गले लगा लिया। एक लंबे समय बाद अपनों के बीच पहुंचा युवक भी अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाया। घर पहुंचने के बाद सबसे पहले युवक अपने बड़े पिता रामनिवास साकेत को पहचाना और उनके पैर छुए। उसके बाद अपने दादा व पिता को भी पहचान गया। घर पहुंचने पर परिजनों ने भी उसकी आरती उतारी और माला पहनाकर तिलक लगाया। मां ने 5 साल से बिछड़े अपने लाल को सीने से लगा लिया। धीरे-धीरे वह परिवार के सदस्यों को पहचानने का प्रयास कर रहा था।