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पंचायतों में 12 करोड़ की गड़बड़ी, वेंडरों के खाते में जारी दी 8 करोड़, इस बाबू के पास दो दर्जन पंचायतों का पासवर्ड

locationरीवाPublished: Sep 05, 2019 01:09:26 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

जिले में कराधान योजना में नियम-कायदे की अनदेखी, कांगे्रस कमेटी ग्रामीण महामंत्री की शिकायत पर कलेक्टर ने बैठाई जांच

रीवा. जिले के गंगेव जनपद में 12 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़ा का सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है। राज्य शासन से पंचायतों के खाते में स्थानांतरित की गई करोड़ों रुपए की विकास निधि में से करीब आठ करोड़ रुपए वेंडरों के खाते में जारी कर दिया गया है। पंचायत अमले की मनमानी इस कदर है कि एक वेंडर के खाते में पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की भेजी गई है। कराधान योजना की राशि के भुगतान की जानकारी पंचपरमेश्वर पोर्टल पर सामने आयी है। मामले में शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने जांच बैठा दी है।
राज्य सरकार ने जारी की राशि, बाबू ने रेवड़ी की तरह बांट दिए पैसे
जिले के गंगेव जनपद की 37 ग्राम पंचायतों के खाते में कराधान योजना के तहत विकास के लिए राज्य सरकार ने २८ अगस्त २०१९ को १२ करोड़ रुपए की राशि स्थानांरित की है। जिसमें पंचायतों ने महज तीन दिन के भीतर आठ करोड़ रुपए वेंडरों के खाते में जारी कर दी। हैरान करने वाली बात तो यह कि गंगेव की करीब 25 पंचायतों के द्वारा वेंडर शिवशक्ति टेडर्स के खाते में एक साथ 5.32 करोड़ रुपए भेजा है। मामले की शिकायत जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के महामंत्री संजय पांडेय ने कलेक्टर से की है। जिसमें बताया गया है कि कराधान के तहत जनपद की ३७ ग्राम पंचायतों के खाते में 12 करोड़ 39 लाख रुपए राज्य स्तर पर स्थानांरित की गई है।
तीन में बांट दी गई राशि
शासन से भेजी गई राशि को २ से 3 कार्य दिवस के भीतर पंचायतों में बगैर स्टीमेट व प्रशासनिक स्वीकृति के राशि वेंडरों के खाते में स्थानांतरित कर दी गई है। जिसमें सबसे बड़ी राशि 5.32 करोड़ की शक्ति टेडर्स के खाते में की गई है। शक्ति टेडर्स का संचालक अप्रत्यक्ष रूप से गंगेव जनपद कार्यालय का तत्कालीन लिपिक राजेश सोनी है। दो दर्जन से ज्यादा पंचायतों का पासवर्ड लिपिक के पास रहता है। जांच शुरू होने पर लिपिक को जिला पंचायत अटैच कर दिया गया है। उधर, कलेक्टर ने मामले में जांच बैठा दी है।
पंचायतों में रोक के बावजूद जारी कर दी गई राशि
शासन के आदेश पर पंचायतों में पुराने कार्यों को पूरा कराने के बाद ही नवीन कार्य के लिए राशि जारी की जाएगी। लेकिन, गंगेव जनपद में रोक के बावजूद एक साथ २५ से 30 ग्राम पंचायतों में 8 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि जारी कर दी गई। इसकी सूचना से अफसरों में हडकंप मचा हुआ है।

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