पंचायतों में 300 से अधिक सचिव-सरपंच और उपयंत्री दागी, पढि़ए पूरी खबर
पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट: जिपं सीइओ कार्यालय में लग रही पेशी, पंचायतों में विकास की योजनाओं का बेड़ागर्क

रीवा. पंचायतों में संचालित पंचायत एवं ग्रामीण विकास योजनाएं सहित सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का बंटाधार है। जिले में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले सैकड़ों सरपंच-सचिव और उपयंत्री दागी हैं। 300 से अधिक सरपंच-सचिव जिला पंचायत कार्यालय में पेशी पर दौड़ रहे हैं, जिसमें तत्कालीन एवं वर्तमान सरपंच-सचिव भी शामिल हैं।
प्रकरणों में योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी
जिला पंचायत कार्यालय में प्रत्येक सोमवार सीइओ कार्यालय के बाहर पचास से अधिक सरपंच-सचिवों के नाम की लिस्ट चस्पा कर दी जाती है। ज्यादातर प्रकरणों में योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी करने और बगैर निर्माण किए योजना की राशि आहरित की सुनवाई चल रही है। पेशी की फेहरिस्त में कई ऐसे भी सरपंच, सचिव, उपयंत्री और ग्राम रोजगार सहायक शामिल हैं। सरकार की नई व्यवस्था में कुछ सरपंच-सचिवों ने योजना को पूरा कराया तो कईयो ने बकाया राशि खजाने में वापस कर दी। बीते सोमवार की पेशी में सर्व शिक्षा अभियान के तहत शाला के निर्माण में गड़बड़ी के प्रकरण चल रही है। इसी तरह पीसीसी, पुलिया, आंगनबाड़ी सहित कई अन्य निर्माण योजनाओं में सचिव, सरपंच और उयंत्रियों से वसूली की सुनवाई चल रही है।
दस करोड़ से ज्यादा के निर्माण में अनियमिता
सुनवाई के अनुसार, दस साल में पंचायतों में दस करोड़ रुपए से ज्यादा के निर्माण कार्यों में अनियमिता की गई है। शिकायत के बाद जांच के दौरान लाखों रुपए वसूली बकाया है। उदाहरण के तौर पर त्योंथर जनपद क्षेत्र के ढखरा गांव पंचायत में सर्व शिक्षा अभियान के तहत शाला भवन के निर्माण में अनियमितता पाई गई, जांच के बाद बीआरसी और उपयंत्री सहित तत्कालीन सरपंच लक्ष्मिनिया द्विवेदी, सचिव कमलेश कुमार गौतम आदि की पेशी लग रही है। इसी तरह गंगतीरा, बड़ागांव, टगहा, कुठिला, फूलदेउर, कैथी पचठा, खाम्हा सहित सैकड़ों गांव में तत्कालीन अधिकारी और प्रतिनिधियों ने जमकर अनियमितता की है।
इन योजनाओं में ज्यादातर अनियमितता
पांच साल पहले बीआरजीएफ योजना के तहत आंगनबाड़ी, पंचायत भवन, पीसीसी सडक़ आदि के निर्माण कराए जाते थे, योजना बंद होने के बाद सरकार ने हिसाब मांगा तो पंचायतों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई। इसी तरह सर्व शिक्षा अभियान के तहत सैकड़ों शाला भवन के निर्माण के मामले में अनियमितता बरती गई है। इसके अलावा मनरेगा से जुड़ी कपिल धारा, खेत सडक़ योजना सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास की अन्य योजनाओं में अनियमिता की सुनवाई चल रही है।
सीएम हेल्पलाइन पर तीन हजार से ज्यादा शिकायतें
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की सीएम हेल्प लाइन पर रोज सैकड़ो शिकायतें पहुंच रही हैं। करीब तीन हजार शिकायतें पिछले कई दिनों से निराकरण के लिए लाइन में हैं। इसके अलावा जनपद, तहसील, कलेक्टर, कमिश्नर कार्यालय से लेकर जिला पंचायत कार्यालय में हजारों शिकायतों का निराकरण अटका है। उदाहरण के तौर पर भिटवा गांव में कई योजनाओं के निर्माण में अनदेखी की जा रही है, ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक निराकरण नहीं हो सका है।
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