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पंचायत पोर्टल पर फर्जी वेंडरों के नाम के बिल-बाउचर, करोड़ों का भुगतान

locationरीवाPublished: Feb 10, 2020 12:42:00 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

जिले के त्योंथर सहित कई जनपदों में सरपंच-सचिवों ने स्वयं के बिल-बाउचर और सगे संबंधियों को बना दिए वेंडर. सरपंच व सचिवों के आदेश व वेंडरों के बिल पर भी डाले गए मोबाइल नंबरों से खुलासा, जिम्मेदार मौन

Panchayat portal : Bill vouchers in the name of fake vendors

Panchayat portal : Bill vouchers in the name of fake vendors

रीवा. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाएं पंचायतों में अनदेखी की भेंट चढ़ गईं। पंचायत पोर्टल पर अधिकांश पंचायतों के सरपंच-सचिवों ने फर्जी बिल-बाउचर अपलोड कर करोड़ों रुपए आहरित कर लिए। पंचायत पोर्टल पर लगाए गए बिलों का सत्यापन करने वाले कोई नहीं है। हैरानी की बात तो यह कि पंचायतों के द्वारा पोर्टल पर अपलोड किए गए बिल-बाउचर और सरपंच-सचिवों के आदेश पत्र पर सरपंचों के मोबाइल नंबर दर्ज है। इतना ही नहीं वेंडरों के बिलों पर टिन नंबर पर भी फर्जीवाड़ा का खेल किया गया है। एक-एक वेंडरों के टिन नंबर पर अलग-अलग खाते खोले जाने का भी मामला प्रकाश में आया है।
पंचायतों के द्वारा अपलोड किए गए बिलों का सत्यापन नहीं
जिले में 827 ग्राम पंचायतें हैं। पंचायत पोर्टल पर ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया चालू हो गई है। जिले की ज्यादातर ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिव साठगांठ कर पीसीसी सडक़, नाली निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों व कार्यक्रमों के भुगतान में उपयोग किए गए वेंडरों, मिष्ठान भंडारों के बिल-बाउचर के दस्तावेज पर विक्रेताओं के हस्ताक्षर नहीं हैं। स्वयं से कंप्यूटर पर तैयार किए गए बिल-बाउचर का उपयोग किया गया है। यही नहीं पंचायत स्तर पर कार्यक्रम के दौरान उपयोग किए गए टेंट-कुर्सी के भी बिल बाउचर फर्जी लगाए गए हैं। पंचायतों में हर माह बैठक के दौरान चाय-नास्ते व मुनादी के नाम पर बड़े पैमाने का फर्जीवाड़ा किया है। ग्रामीणों ने पंचायत पोर्टल पर लगाए गए बिल-बाउचरों के सत्यापन की मांग उठाई है। साथ ही बिल-बाउचर पर किए गए हस्ताक्षर को राज्य स्तरीय स्पार्ट से जांच कराए जाने की मांग उठाई है।
ऐसे हो रहा पंचायतों में
जिले के बेलहा टोला के बीकला में पुलिया निर्माण कार्य की लागत 5 लाख है। जिसमें 1.94 लाख रुपए का पांडेय ट्रेडर्स के नाम से मटेरियल सप्लाई का बिल-बाउचर के आधार पर भुगतान कर लिया गया है। लेकिन मौके पर कोई काम नहीं है। इसी तरह शिवादीन के घर से खेलावन कोल के घर तक पीसीसी सडक़ निर्माण दर्ज किया गया है। टीके कंस्ट्रक्शन के नाम से बिल-बाउचर पर 3.26 लाख रुपए पंचायत खाते से आहरित कर लिया गया है। तीसरा बिल सौखीलाल कोल के घर से खेलाड़ी कोल के घर तक पीपीसी सडक़ के नाम पर पांडेय ट्रेडर्स व टीएल कंस्ट्रक्शन के नाम 6.38 लाख के कार्य में से 3.55 लाख 500 रुपए आहरित कर लिया गया है। मौके पर कोई काम नहीं हुआ है।
गंगेव की 38 पंचायतों में भी पोर्टल पर फर्जी बिल-बाउचर का उपयोग
संभागायुक्त की जांच के दौरान गंगेव जनपद में 12.71 करोड़ का भुगतान भी ज्यादातर वेंडरों के फर्जी बिल-बाउचर के नाम पर किया गया है। कई ग्राम पंचायतों ने तो सगे संबंधियों के नाम संस्था बनाकर मटेरियल का भुगतान कर लिया है। पोर्टल पर अपलोड किए गए बिल-बाउचर का सत्यापन किया गया तो कई बिल-बाउचर कंप्यूटर से सादे कागज पर बना लिया गया है। ज्यादातर पंचायतों ने पंचायत पोर्टल पर बिल-बाउचर ही नहीं लगाया है। बल्कि आवेदन की तरह लिखकर अपलोड कर दिया गया है।
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