संजय गांधी हॉस्पिटल के आकस्मिक चिकित्सा इकाई में मरीजों को डॉक्टरों की ओर से लिखे गए पर्चे के तहत पूरी दवाएं नहीं मिली। महिला मरीज राधा के परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने चार दवाएं लिखी थी, जिसमें दो दवाएं मिली हैं। इसी तरह सुनील सोनी को काउंटर पर चार में से दो ही दवाएं दी गईं। काउंटर पर महिला कर्मचारी ने बताया कि दवा केंद्र के स्टॉक में नहीं हैं, जो दवाएं हैं वो दे दी गई हैं। अस्पताल के कर्मचारियों की शिथिलता के चलते स्टोर से आकस्मिक केंद्र तक दवाएं नहीं पहुंच रही हैं। उधर, दवा वितरण केंद्र के कुछ कर्मचारियों ने सोमवार को ओपीडी काउंटर पर दवा लेने की सलाह दी है।
संजय गांधी अस्पताल में हर रोज बीस से अधिक कुत्ते काटने से प्रभावित मरीज पहुंच रहे हैं। हॉस्पिटल में एंटी रैबीज इनजेक्शन का टोटा है। अस्पताल प्रबंधन ने एक माह पहले छह हजार इनेक्शन का आर्डर कंपनी को दिया था, लेकिन अभी तक इंजेक्शन की सप्लाई नहीं हुई है। हॉस्पिटल के स्टोर की ओर से २५० इंजेक्शन दवा केंद्र पर उपलब्ध कराए गए हैं। एंटीरैबीज इंजेक्शन के अलावा अन्य दवाएं दो दिन पहले ट्रक से हॉस्पिटल पहुंची हैं। मिलान न होने के कारण वितरण केंद्र पर नहीं पहुंची सकी हैं। स्टोर सूत्रों के अनुसार कई दवाओं का ऑनलाइन आर्डर किया गया है। लेकिन अभी तक संबंधित एजेंसी की ओर से आपूर्ति नहीं पहुंची हैं।
संजय गांधी हॉस्पिटल में शनिवार को डेढ़ हजार से अधिक मरीज पहुंचे। आकस्मिक काउंटर पर पर्ची के लिए शाम चार बजे तक लंबी कतार लगी रही। पर्ची काउंटर के कर्मचारियों ने बताया कि ओपीडी को मिलाकर डेढ़ हजार से ज्यादा मरीजों की पर्ची जारी की गई है। ओपीडी का दवा काउंटर जल्द बंद होने के कारण कई मरीजों को दवाएं नहीं मिल सकी।