scriptपत्रिका अमृतम् जलम् : बिछिया बचाने भगीरथ बने बच्चे-बुजुर्ग, युवाओं के बढ़ाए हाथ | patrika Amritam Jalam : Shramandan water drainage derived from river | Patrika News

पत्रिका अमृतम् जलम् : बिछिया बचाने भगीरथ बने बच्चे-बुजुर्ग, युवाओं के बढ़ाए हाथ

locationरीवाPublished: Jun 10, 2019 12:25:40 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

अभियान के तहत बिछिया नदी पर जल संरक्षण का बढ़ा कारवां, पक्के घाट के दक्षिणी छोर एक ट्राली से अधिक निकाली जलकुंभी

patrika Amritam Jalam : Shramandan water drainage derived from river

patrika Amritam Jalam : Shramandan water drainage derived from river

रीवा. शहर की प्राणदायिनी जीवनदायिनी नदियों को बचाने के लिए तीसरे रविवार की सुबह भी नगर के लोगों ने बढ़-चढक़र श्रमदान किया। इस बार भगीरथ बनने बच्चे से लेकर बूढों तक के हाथ बढ़े। करीब दो घंटे तक चले श्रमदान के दौरान न केवल युवा आगे आए बल्कि इस बार बच्चों और बुजुर्गों के श्रमदान का उत्साह देखते बन रहा था। सामाजिक संगठनों, समाजसेवियों, बुद्धजीवियों, पर्यावरणविदों के मेलजोल से बिछिया नदी से एक ट्राली से ज्यादा जलकुंभी बाहर किया। यही नहीं बच्चों ने पक्के घाट के दोनों छोर पर बड़ी मात्रा में घास को उखाड़ फेंका।
बिछिया को बचाने नदी में कूद पड़े भगीरथ

शहर की शान लक्ष्मणबाग और किला के बीच स्थित फिल्टर प्लांट के पास नदी के सफाई के उत्साह को देखने के लिए हर किसी के कदम रूक गए। पत्रिका अमृतम् जलम् अभियान के तहत ‘आओ भगीरथ बने’, संरक्षित जल सुरक्षित कल स्लोगन के साथ बच्चे और बुजुर्ग श्रमदान के लिए बिछिया नदी मेें कूद पड़े। भारत स्वाभिमान न्यास एवं पतांजलि योग समिति के जिला प्रभारी डीएल ङ्क्षसह के साथ पहुंचे दर्जनभर लोग नदी में कूद पड़े। फिर क्या, जलकुंभी निकाले होड़ मच गई। श्रमदान कर ट्रालीभर कर जलकुंभी निकाली। बाल संरक्षण सदस्य विक्रांति द्विवेदी एवं कृषि वैज्ञानिक अखिलेश कुमार सहित अन्य लोग नदी से खज्जी निकालने में जुटे रहे। इसी तरह पार्वती आइटीआइ संचालक अजय ङ्क्षसह ने कहा, कि जल को सरंक्षित करने के लिए अभी से सभी को आगे आना होगा। मौजूद लोगों ने पत्रिका की इस मुहिम को सराहना करते हुए श्रमदान कर बिछिया से कचरा को बाहर किया और बिछिया नदी को बचाने के लिए जागरुकता की शपथ ली।
सामाजिक संगठनों और युवाओं ने बढ़ाए हांथ
भारत स्वभिमान न्यास के अध्यक्ष डीएल सिंह ने पत्रिका की मुहिम की सराहना की। कहा पत्रिका के अभियान में हम सभी साथ है। वहीं कृषि वैज्ञानिक अखिलेश कुमार ने कहा कि पत्रिका की मुहिम के साथ अन्य सामाजिक एवं स्वयं सेवी संगठनों को जुडऩा होगा, जिससे अभियान को गति दी जा सके। वहीं विक्रांत ने कहा शहर की जीवन दायिनी बचेगी तभी हमारा कल है। उन्होंने कहा कि बिछिया को निर्मल बनाने के लिए एक-एक जन को भगीरथ बनना होगा, तभी हम और हमारा कल बचेगा। इस दौरान उन्होंने पढ़ा कि बिछिया मइया करे पुकार, निर्मल कर दो मेरी धार।
ये संस्थाएं बनी सहयोगी
भारत स्वाभिमान न्यास एवं पतांजलि योग संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र, गायत्री परिवार, आशा कैंसर यूनिट संजय गांधी अस्पताल, पार्वती आइटीआइ रतहरा रीवा, रमाशिव बहुउद्देश्यीय विकास समिति, फेस सोसायिटी रीवा, व्यापारी संगठन, रूलर एजूकेशन ऑफ बुमन एसोसिएशन आदि सामाजिक संगठनों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

इन्होंने किया श्रमदान
डीएल ङ्क्षसह, विक्रांत द्विवेदी, अखिलेश कुमार, राजाराम, बिंद्रा प्रसाद पटेल, विश्राम, भारती शर्मा, रमा, एड. रेवाशंकर अवस्थी, अजय ङ्क्षसह, राजेन्द्र यादव, राजकुमार नामदेव, मो. लाइक, मोहसिन खान, केसी पटेल, एपी श्रीवास्तव, अभिषेक तिवारी, शुभम तिवारी, सोनू, दिलीप ठारवानी, नरेश काली, विश्राम बुनकर, विपिन, सुनील सिंह, किशन पांडेय, आयुष, प्रभाकर ङ्क्षसह, अभिषेक ङ्क्षसह, आरआर सिंह, सुकांत मंडल, योगेश शुक्ल सहित 73 से अधिक लोगों ने श्रमदान किया है।
बच्चों में भी रहा उत्साह
पत्रिका अभियान के तहत जैसे ही घाट पर श्रमदान के लिए नदी में जलकुंभी निकालने काम शुरू हुआ कि बच्चे भी उत्साह से श्रमदान के लिए कूद पड़े। पक्के घाट के आस-पास दिव्यांशी, पुष्पराज नामदेव, अथर्व श्रीवास्तव, जानवी नामदेव, कौसुतुंब श्रीवास्तव आदि बच्चों ने श्रमदान कर घास-फूस का ढेर लगा दिया।
हर बार जुड़ रहे नए लोग
पत्रिका के अमृतम्् जलम् अभियान से हर बार नए लोग जुड़ रहे हैं। जिससे लगातार अभियान को गति मिल रही है। अभी तक जुड़े संगठनों के साथ ही कई अन्य संगठन एवं गणमान्य लोग नदी सफाई अभियान में भागीदारी निभा रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो