scriptपत्रिका अमृतं जलम्: बिछिया नदी व कुंड की सफाई करने उमड़ा जनसैलाब, महज कुछ घंटों बदल गया नजारा | Patrika Amritan Jalam: people gather in clean of Bichia river in Rewa | Patrika News

पत्रिका अमृतं जलम्: बिछिया नदी व कुंड की सफाई करने उमड़ा जनसैलाब, महज कुछ घंटों बदल गया नजारा

locationरीवाPublished: May 13, 2018 12:59:53 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

रविवार को शहर में लक्ष्मणबाग से हुआ आगाज…

Patrika Amritan Jalam: people gather in the cleaning of Bichia river in Rewa

Patrika Amritan Jalam: people gather in the cleaning of Bichia river in Rewa

रीवा। जल ही जीवन है। नदी व तालाब इसके आधार हैं। नदी व तालाब सहित जल के अन्य स्रोत इसी तरह नजरअंदाज होते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब जल की समस्या से मनुष्य ही नहीं समस्त प्राणि जगत संकट में घिर जाएगा। इसलिए जल का संरक्षण और नदी व तालाबों को स्वच्छ व साफ रखते उन्हें सुरक्षित रखना जरूरी है।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए रविवार को पत्रिका अमृतं जलम् अभियान के तहत लक्ष्मण बाग संस्थान के बिछिया नदी तट से साफ-सफाई की शुरुआत हुई। अभियान की शुरुआत के पहले दिन सबसे पहले बिछिया नदी व उससे जुड़े कुंड की सफाई की गई। जिसमें शहर का एक बड़ा जनसमुदाय न केवल शामिल हुआ। बल्कि सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वह जल संरक्षण व जल स्रोतों को संरक्षित करने में अपना योगदान देंगे।
Patrika Amritan Jalam: people gather in the cleaning of Bichia river in Rewa
Patrika IMAGE CREDIT: Patrika
कुछ घंटो में साफ हो गया कुंड व परिसर
पत्रिका समूह की ओर से पूरे देश में शुरू किए गए इस अभियान के तहत यहां रीवा में जल व जल स्रोतों के संरक्षण की शुरुआत हुई। महज एक दर्जन लोगों से सुबह छह बजे हुई शुरुआत। सैकड़ों में पहुंच गई। धीरे-धीरे लोग आते गए और जनसमुदाय बढ़ता गया। कुंड की सफाई में सभी के एक साथ लगने से महज चंद घंटों में न केवल कुंड की सारी गंदगी निकल गई। बल्कि आस-पास का पूरा परिसर भी साफ हो गया। श्रमदान का सिलसिला सुबह छह बजे से शुरू होकर नौ बजे तक चला।
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Patrika IMAGE CREDIT: Patrika
वर्षों पुराना है बिछिया नदी का कुंड
अभियान के तहत पहले दिन जिस कुंड की सफाई की गई। वह न केवल वर्षों पुराना है। बल्कि उसका अपना विशेष महत्व भी है। राजा-महाराजाओं के जमाने का यह कुंड व्यवस्थित तो किया गया। लेकिन साफ-सफाई के अभाव में उपेक्षित होकर रह गया है। पूर्व में कुंड का ही जल लक्ष्मण बाग मंदिर के भगवान को चढ़ाया जाता रहा है। लोग इस जल का आचमन किया करते थे। लेकिन वर्षों से उपेक्षा के चलते वहां का जल दूषित हो गया है।
अधिकारी-जनप्रतिनिधि सब हुए शामिल
पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत शुरू हुए इस कार्य के पहले दिन जन सामान्य से लेकर अधिकारी व जनप्रतिनिधि सभी शामिल हुए। जनसामान्य में बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग सभी ने मिलकर श्रमदान करते हुए नदी व कुंड की सफाई में अपना योगदान दिया। पत्रिका की टीम भी उनके साथ लगी रही। सभी ने इस मौके पर संकल्प लिया कि वह प्रति सप्ताह नदी व आस-पास के परिसर की सफाई के लिए समय निकालेंगे। साथ ही घर से लेकर बाहर तक जल संरक्षण को महत्व देंगे और दूसरों को जागरूक करेंगे।
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