scriptपत्रिका लाइव : प्रवासियों ने कहा…सूरत गए थे कमाने कर्ज लेकर घर लौटे .हल जोत लेंगे जिदंगी में बाहर नहीं जाएंगे | patrika Live: Migrants said Surat went home to earn debt | Patrika News

पत्रिका लाइव : प्रवासियों ने कहा…सूरत गए थे कमाने कर्ज लेकर घर लौटे .हल जोत लेंगे जिदंगी में बाहर नहीं जाएंगे

locationरीवाPublished: May 05, 2020 02:39:17 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

बाहर से आए श्रमिको को रीवा के विभिन्न तहसीलों के लिए रवाना की गईं बसें, पुलिस और प्रशासन ने जनसहयोग से श्रमिकों को वितरण कराया भोजन

patrika Live: Migrants said Surat went home to earn debt

patrika Live: Migrants said Surat went home to earn debt

रीवा. चेहरे पर मायूषी, लाचारी, बेबसी और घर पहुंचने की बेचैनी कोरोना प्रोटोकाल पर भारी रही। चिलचिलाती धूप में घर पहुंचने के लिए बसों के दरवाजे पर प्रवासी जद्दो जहद कर रहे थे। जैसे ही काउंटर से एनाउंस हुआ मऊगंज, हनुमना, सीधी की ओर जाने वाले हाथ उठाओ। सामने की भीड़ में सैकड़ो ने हाथ खड़े करके बोले, हमारे साथ बच्चे भी हैं। इस तरह का दूश्य प्रवासियों के चेहरे पर साफ झलक रहा था।
सूरत गए कमाने, कर्ज लेकर घर लौटे
प्रदेश के बाहर से आए अधिकांश श्रमिकों ने कहा कि साहब खेत में हाल जोत लेंगे। लेकिन, अब जिंदगी में बाहर नहीं जाएंगे। मौजूद लोगों के पूछने पर सीधी के दीपक ने कहा, लॉकडाउन में भूखे-प्यासे रह गए। गांव से कर्ज लेकर पिता ने खाते में पैसे भेजा तो रीवा पहुंचे। सरकार की कोई व्यवस्था काम नहीं आई।
गुजरात से घर पहुंचने में 4500 रुपए किराया
गुजरात से रीवा आने में 4500 रुपए किराया देना पड़ा। नरसिंगपुर से दो बुजुर्ग तीन दिन बाद रीवा पहुंचे। रीवा के चोरगढ़ी निवासी बुजुर्गो ने कहा, पंद्रह दिन तक चना खाकर जिंदगी बिताई। आज रीवा पहुंचे तो भोजन मिला। पैदल चलते-चलते पैर में छाले पड़ गए हैं। ये कहानी अकेले एक दो श्रमिकों या प्रवासियों की नहीं। बल्कि लौटकर आए अधिकांश श्रमिकों की रही।
प्रदेश के बाहर से तीन दिन के भीतर पांच हजार लोग आए
एसडीएम हुजूर फरहीन खान ने बताया कि सोमवार को प्रदेश के बाहर से अलग-अलग दिनों में अब तक 5 से अधिक लोग आए। दोपहर तक रीवा, सीधी के लिए बसें रवाना की गई। हनुमना, मऊगंज, सीधी के अधिक लोग रहे। प्रदेश के बाहर के अलावा राज्य के बड़े शहरों से भी लोग आने लगे हैं। सभी की स्क्रीनिंग की गई। प्रमाण पत्र देकर भेजा गया है।
दो की जगह चार-चार को बैठा दिया
प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रमिकों को बसों पर दो की जगह चार-चार लोगों को बैठाकर भेज दिया। रास्ते में परेशान होने के साथ ही सोशल डिस्टेंस की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त रहीा। सूरत से आए दंपत ने बताया कि साथ में एक बेटा भी है। इसके अलावा दो बड़े-बड़े बैग। ऐसे में तीन सीट पर चार लोगों को बैठा दिया। जबकि दो-दो लोगों को ही बैठने के लिए वहां पर एनाउंस किया जा रहा था। रीवा पहुंचने के बाद भी एक-एक बसों पर 40-45 लोगों को औसत बैठाकर गांव के लिए रवाना किया गया।
सूरत से कर्ज लेकर आई हूं…किराया छह हजार देना पड़ा
देवतालाब निवासी जितेन्द्र पटेल परिवार के साथ सूरत में रहते हैं। काम बंद होने के बाद खाने-पीने की दिक्कत होने लगी। कई बार आनलाइ आवेदन किया। लेकिन, कोई हल नहीं निकला। तीन दिन पहले सूचना मिली कि सूरत से बस मध्य प्रदेश जा रही है। बस में परिचालक से संपर्क किया तो बताया कि तीन-तीन हजार रुपए लगेंगे। साथ के ही कुछ लोग अभी भी वहीं पर है। पड़ोसियों से कर्ज लेकर आए हैं। घर पहुंचने के बाद खाते में पैसे वापस कर देंगे।
patrika Live: Migrants said Surat went home to earn debt
patrika Live: Migrants said Surat went home to earn debt IMAGE CREDIT: patrika
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो