शिकायतकर्ता राजबहोर तिवारी (६०) निवासी खटखरी ने कुछ दिन पहले ही लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि पटवारी रिश्वत नहीं पाने के चलते कार्रवाई नहीं कर रहा है। लोकायुक्त अधिकारियों ने पटवारी हल्का नंबर २३ खटखरी के पटवारी राजेश शुक्ला की रिश्वत की मांग करते हुए आवाज भी रिकार्ड करवा ली ताकि वह बाद में बचने का प्रयास भी नहीं कर पाए।
पटवारी ने राजबहोर से बुधवार को सायं सात हजार रुपए लेकर बुलाया था और कहा था कि नामांतरण का उसका जो आवेदन लंबे समय से अटका हुआ है उसे जल्द ही पास करवा देगा। जैसे ही पटवारी ने रिश्वत के रुपए लिए और गिन रहा था कि शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त की टीम को इशारा कर दिया। जिससे वह मौके पर पहुंच कर उसे दबोच लिए। लोकायुक्त टीम को देखते ही आरोपी ने रिश्वत के नोट अपनी जेब में डाल लिया था। इस कारण कपड़े भी जब्त कर लिए गए हैं। पकड़े गए आरोपी पटवारी राजेश शुक्ला के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम १९८८ की धारा ७, १३(१)डी एवं १३(२) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
भ्रष्टाचार में लिप्त पटवारी ने शिकायतकर्ता को धमकी भी दी थी कि यदि वह रिश्वत नहीं देगा तो उसका काम भी नहीं होगा। चाहे वह जितना भी प्रयास कर डाले। इतना ही नहीं आरोपी पटवारी ने यह भी कहा था कि यह नोट वह अकेले के लिए नहीं मांग रहा है। लोकायुक्त की टीम यह प्रयास करने में भी जुटी है कि आखिर यह रिश्वत वह अन्य किसके लिए मांग रहा था।
इस संबंध में लोकायुक्त निरीक्षक हितेन्द्रनाथ शर्मा ने बताया कि भूमि नामांतरण के प्रकरण में रिश्वत मांगने की सूचना मिली थी, मौके पर जाकर पटवारी को सात हजार रुपए लेते हुए पकड़ा गया है। उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।