आम जनों से दस रुपये के स्टाम्प का सौ रुपये वसूला जा रहा है। लेकिन प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। जबकि उपभोक्ताओं माने तो पीडितों द्वारा लिखित या मौखिक रूप से कई बार कलेक्टर तक से शिकायत की गई। इसके बावजूद भी जिम्मेदार अमले द्वारा इस मामले को नजर अंदाज कर दिया जाता रहा है।
इतना ही नहीं इसके साथ स्टाम्प बेण्डर याचिका लिखने का भी काम भी करते है जो नियम विरूद्ध है । सूत्रों की माने तो यदि कोई आम व्यक्ति स्टाम्प विक्रेता के पास स्टाम्प लेने जाता है तो स्टाम्प बेण्डर आम उपभोक्ताओं के समक्ष पहली शर्त रखता है कि लेखन कार्य स्टाम्प विक्रेता से ही कराना होगा।
इस स्थिति में मजबूर उपभोक्ता दस रुपयें का स्टाम्प सौ रूपये में और लेखन कार्य सहित एक सौ पचास रुपये अदा करने को विवश हो जाता है। जानकारी दी गई है कि नईगढ़ी तहसील परिसर में बैठने वाले स्टाम्प वेंडर नियम विरूद्ध याचिका लेखन का कार्य करते है।
बताया गया है कि कुछ लोग तहसील के सामने अपना तम्बू गाडकर बिना अनुज्ञा के ही याचिका लेखन कार्य मे संलिप्त है। तहसीलदार से इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। नईगढ़ी तहसील परिसर में अधिकारी के नाक के नीचे स्टाम्प वेंडरों के हाथ सरेआम उपभोक्ता लुट रहा है। जबकि जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने हुए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
अनूप सिंह सेंगर, किसान निवासी बंधवा भाईवाट
जांच मे दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई
स्टाम्प वेण्डरों द्वारा स्टाम्प बिक्री में ज्यादा वसूली के साथ याचिका लेखन कार्य किया जा रहा है। साथ ही बिना अनुज्ञाधारी व्यक्ति याचिका लेखन कार्य कर रहे हंै। इसकी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधियों पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
राकेश कुमार शुक्ल, तहसीलदार, तहसील नईगढ़ी