बीते महीने कलेक्टर ने एक बैठक में इस बात का उल्लेख किया था कि सभी पेट्रोल पंपों में इस आशय का सूचना बोर्ड लगाया जाए कि यहां का शौचालय आम जनता के उपयोग के लिए भी है। उसमें खासतौर पर महिलाओं और विकलांगों के लिए अलग व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। कुछ पेट्रोल पंपों को छोडक़र अन्य सभी जगह पहले जैसे ही स्थिति है। सूचना बोर्डपंप के परिसर में नजर नहीं आ रहा है।
18 अंक मिलेंगे सर्वे में
केन्द्र सरकार द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के लिए जारी की गईगाइड में कहा गया हैकि पेट्रोल पंपों में शौचालयों के उपयोग करने की व्यवस्था बनाए जाने पर शहर को 18 अंक मिलेंगे। सर्वे दल शहर के किन्हीं तीन पंपों का मुआयना करेगा। इसमें शहर के भीतर और बाहरी हिस्से के भी पंप हो सकते हैं।
शहर के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे निर्माण कैंपों में हजारों की संख्या में श्रमिक कार्य कर रहे हैं। अब तक किसी भी कैंप में श्रमिकों के लिए शौचालय नहीं बनाया गया है। गत दिवस जिला कोर्टके नवीन भवन निर्माण स्थल इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में निगम के कर्मचारी पहुंचे थे और शौचालय बनाए जाने की बात कही थी। इसके बाद भी कोईव्यवस्था अब तक नहीं की गईहै। इसी तरह रतहरा, चिरहुला, बदरांव, महाजन टोला, कुठुलिया आदि क्षेत्रों की है जहां पर कॉलोनियों के साथ ही अन्य बड़े निर्माण चल रहे हैं। सर्वे में यदि ऐसे स्थलों पर शौचालय नहीं पाया गया तो २२ अंक कटेंगे।