दो साल बाद भी पांच हजार गरीबों को नसीब नहीं हुआ आशियाना
जिले के ज्यादातर ग्राम पंचायतों में पिछले दो साल के भीतर पांच हजार आवास जमीन और कागजी नियम-कायदे में पेंच में फंस गए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने विशेष अभियान चलाकर विवादित आवास के निर्माण प्रारंभ करा दिए गए हैं। लेकिन, जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते अभी भी 40-40 हजार की पहली किस्त भेज दी गई है। दूसरी किस्त नहीं जारी की जा रही है। जिससे ऐसे हितग्राहियों के आवास अधूरे पड़े हैं। सिरमौर जनपद क्षेत्र के बदरांव गौतमान, डिहिया, पटना, गोडहा, खैर आदि ग्राम पंचायतों में ज्यादातर हितग्राहियों के आवास अधूरे पड़े हैं। उदाहरण के तौर पर नवीन सांसद आदर्श गांव बड़ागांव में सुखवंती देवी हरिजन के खाते में पहली किस्त भेजने के बाद अभी तक फाइनल किस्त नहीं भेजी गई है। नींव तक आवास पूर्ण होने के बाद मटेरियल घर के सामने पड़ा हुआ है। किस्त जारी नहीं होने से आवास अधूरा पड़ा है।
75 फीसदी लक्ष्य पूरा करने छूट रहा पसीना
जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 15 हजार से अधिक गरीबों के आवास निर्माण कराए जाने का लक्ष्य दिया गया है। पांच माह बीतने को है, अभी तक तीस फीसदी आवास पूर्ण नहीं किए जा सके हैं। लक्ष्य पूरा करने के लिए शासन ने पुरस्कार योजना चालू की है, इसके बादवजूद जिम्मेदार योजना को लेकर गंभीर नहीं है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते जिला 30वें पायदन पर है।
जिले के ज्यादातर ग्राम पंचायतों में पिछले दो साल के भीतर पांच हजार आवास जमीन और कागजी नियम-कायदे में पेंच में फंस गए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने विशेष अभियान चलाकर विवादित आवास के निर्माण प्रारंभ करा दिए गए हैं। लेकिन, जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते अभी भी 40-40 हजार की पहली किस्त भेज दी गई है। दूसरी किस्त नहीं जारी की जा रही है। जिससे ऐसे हितग्राहियों के आवास अधूरे पड़े हैं। सिरमौर जनपद क्षेत्र के बदरांव गौतमान, डिहिया, पटना, गोडहा, खैर आदि ग्राम पंचायतों में ज्यादातर हितग्राहियों के आवास अधूरे पड़े हैं। उदाहरण के तौर पर नवीन सांसद आदर्श गांव बड़ागांव में सुखवंती देवी हरिजन के खाते में पहली किस्त भेजने के बाद अभी तक फाइनल किस्त नहीं भेजी गई है। नींव तक आवास पूर्ण होने के बाद मटेरियल घर के सामने पड़ा हुआ है। किस्त जारी नहीं होने से आवास अधूरा पड़ा है।
75 फीसदी लक्ष्य पूरा करने छूट रहा पसीना
जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 15 हजार से अधिक गरीबों के आवास निर्माण कराए जाने का लक्ष्य दिया गया है। पांच माह बीतने को है, अभी तक तीस फीसदी आवास पूर्ण नहीं किए जा सके हैं। लक्ष्य पूरा करने के लिए शासन ने पुरस्कार योजना चालू की है, इसके बादवजूद जिम्मेदार योजना को लेकर गंभीर नहीं है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते जिला 30वें पायदन पर है।