सर्वे में कुल 4000 अंक रखे गए हैं, जिनमें से डायरेक्ट आब्जर्वेशन के 1200 अंक हैं। डायरेक्ट आब्जर्वेशन में निगम के दावे गलत पाए गए तो माइनस मार्किंग भी होगी। इस साल पूरे देश में 4041 शहर सर्वे में शामिल किए गए हैंं, जहां तीन दिनों तक शहर में स्वच्छता के हर मानकों का बारीकी से परीक्षण किया जाएगा।
मध्यप्रदेश के रीवा में 15 फरवरी को दिल्ली से स्वच्छता सर्वे का दल रीवा पहुंचा। दो दिन शहर के वार्डों में भ्रमण कर स्वच्छता की स्थिति का आंकलन करने में टीम जुटी है। टीम के सदस्य मौके से ही तस्वीरें खींचकर सीधे ऑनलाइन कर रहे हैं। जीपीएस के माध्यम से इस सर्वे की निगरानी की जाएगी।
दिल्ली से होगी निगरानी
सर्वे टीम को कहां पर पहुंचना है यह दिल्ली में बैठी टीम जीपीएस लोकेशन के आधार पर बताएगी। निगम के सामने इस वर्ष कड़ी चुनौतियां हैं, बीते साल 2 से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में स्वच्छता की दिशा में सबसे तेज बढ़ते शहर का खिताब रीवा शहर को मिला था।ओवरआल रैंकिंग 38 वीं मिली थी, इसे बनाए रखना चुनौती साबित हो रहा है। निगम प्रशासन ने इनदिनों स्वच्छता के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। वार्डों में कर्मचारियों को लगाया गया है कि किसी भी तरह का खामिया नजर नहीं आएं। सफाईकर्मियों की बैठक लेकर स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि सुबह और सायं नियमित रूप से सफाई की जाए। खासतौर पर सार्वजनिक स्थलों पर विशेष फोकस करने के लिए कहा गया है। धाॢमक स्थलों में तीन बार सफाई करने के लिए निर्देशित किा है।
सर्वे टीम को कहां पर पहुंचना है यह दिल्ली में बैठी टीम जीपीएस लोकेशन के आधार पर बताएगी। निगम के सामने इस वर्ष कड़ी चुनौतियां हैं, बीते साल 2 से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में स्वच्छता की दिशा में सबसे तेज बढ़ते शहर का खिताब रीवा शहर को मिला था।ओवरआल रैंकिंग 38 वीं मिली थी, इसे बनाए रखना चुनौती साबित हो रहा है। निगम प्रशासन ने इनदिनों स्वच्छता के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। वार्डों में कर्मचारियों को लगाया गया है कि किसी भी तरह का खामिया नजर नहीं आएं। सफाईकर्मियों की बैठक लेकर स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि सुबह और सायं नियमित रूप से सफाई की जाए। खासतौर पर सार्वजनिक स्थलों पर विशेष फोकस करने के लिए कहा गया है। धाॢमक स्थलों में तीन बार सफाई करने के लिए निर्देशित किा है।
इन बिन्दुओं पर नंबरों के लिए निगम का दावा
शहर ओडीएफ-११० अंक, प्रमुख स्थलों पर दो बार सफाई- ३४ अंक, डोरटूडोर कचरा कलेक्शन ३२, कचरे को प्लांट तक पहुंचाना-३२, रैगपिकर्स का उन्नयन ३२, कचरा संग्रहण स्थलों का विलोपन ३२, जीपीएस ट्रेकिंग वाहन ३०, जुड़वा कूड़ेदान ३०, बायोमेट्रिक उपस्थिति २८, अर्थदंड २८, पार्कों में कंपोस्ट यूनिट २८, सफाईकर्मियों को उपकरण वितरण १८, कचरा प्रबंधन के लिए टैक्स ६० अंक पर निगम का दावा मजबूत रहेगा। अन्य बिन्दुओं पर भी दावा किया जाएगा लेकिन उनमें व्यवस्थाओं की कमियां अंक काट सकती हैं।
शहर ओडीएफ-११० अंक, प्रमुख स्थलों पर दो बार सफाई- ३४ अंक, डोरटूडोर कचरा कलेक्शन ३२, कचरे को प्लांट तक पहुंचाना-३२, रैगपिकर्स का उन्नयन ३२, कचरा संग्रहण स्थलों का विलोपन ३२, जीपीएस ट्रेकिंग वाहन ३०, जुड़वा कूड़ेदान ३०, बायोमेट्रिक उपस्थिति २८, अर्थदंड २८, पार्कों में कंपोस्ट यूनिट २८, सफाईकर्मियों को उपकरण वितरण १८, कचरा प्रबंधन के लिए टैक्स ६० अंक पर निगम का दावा मजबूत रहेगा। अन्य बिन्दुओं पर भी दावा किया जाएगा लेकिन उनमें व्यवस्थाओं की कमियां अंक काट सकती हैं।
सूखे और गीले कचरे का प्रबंधन कमजोर
सूखे और गीले कचरे का अलग-अलग संग्रहण और इनके निपटान के मामले में निगम ने प्रयास तो किया है लेकिन पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। इन कचरों से खाद बनाने का प्लांट लगाया है पर उससे खाद की बिक्री नहीं की जा रही है। आंशिक तौर पर हर बिन्दु पर निगम दावा पेश करेगा लेकिन पर्याप्त अंक मिलना मुश्किल नजर आ रहा है।
सूखे और गीले कचरे का अलग-अलग संग्रहण और इनके निपटान के मामले में निगम ने प्रयास तो किया है लेकिन पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। इन कचरों से खाद बनाने का प्लांट लगाया है पर उससे खाद की बिक्री नहीं की जा रही है। आंशिक तौर पर हर बिन्दु पर निगम दावा पेश करेगा लेकिन पर्याप्त अंक मिलना मुश्किल नजर आ रहा है।
एक नजर में सर्वे
– सर्वे का कुल अंक- ४०००
– सर्वे में शामिल शहर- ४०४१
– मध्यप्रदेश के शहर- ३७८ तीन खंडों में होगा सर्वे
१- डाक्यूमेंटेशन- १४०० अंक
२- सिटीजन फीडबैक- १४०० अंक
३- डायरेक्ट आब्जर्वेशन- १२०० अंक
नोट- डायरेक्ट आब्जर्वेशन में निगम के दावे गलत पाए गए तो माइनस मार्किंग भी होगी।
– सर्वे का कुल अंक- ४०००
– सर्वे में शामिल शहर- ४०४१
– मध्यप्रदेश के शहर- ३७८ तीन खंडों में होगा सर्वे
१- डाक्यूमेंटेशन- १४०० अंक
२- सिटीजन फीडबैक- १४०० अंक
३- डायरेक्ट आब्जर्वेशन- १२०० अंक
नोट- डायरेक्ट आब्जर्वेशन में निगम के दावे गलत पाए गए तो माइनस मार्किंग भी होगी।
व्यावसायिक स्थलों में शौचालय का उपयोग सार्वजनिक
शहर के व्यावसायिक संस्थानों ने अपने यहां के शौचालय आम जनता के उपयोग के लिए सार्वजनिक कर दिया है। इस आशय का बोर्ड भी लोगों ने संस्थान के बाहर लगाया है। स्कूलों, अस्पतालों, होटल एवं रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंपों तथा शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बाहर शौचालय का उपयोग करने के लिए बाहर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। संस्थानों के इस दावे का परीक्षण भी कराया गया है, जिसमें आसपास के लोगों ने सहमति दी है कि वह शौचालय का उपयोग कर रहे हैं। इन स्थानों में सफाई पहले से बेहतर होने की जानकारी दी गई है।
शहर के व्यावसायिक संस्थानों ने अपने यहां के शौचालय आम जनता के उपयोग के लिए सार्वजनिक कर दिया है। इस आशय का बोर्ड भी लोगों ने संस्थान के बाहर लगाया है। स्कूलों, अस्पतालों, होटल एवं रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंपों तथा शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बाहर शौचालय का उपयोग करने के लिए बाहर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। संस्थानों के इस दावे का परीक्षण भी कराया गया है, जिसमें आसपास के लोगों ने सहमति दी है कि वह शौचालय का उपयोग कर रहे हैं। इन स्थानों में सफाई पहले से बेहतर होने की जानकारी दी गई है।