यह एशिया की सबसे बड़ी सौर परियोजना है। इस परियोजना के लिए रीवा जिले की गुढ़ तहसील में 1270.13 हेक्टेयर शासकीय राजस्व भूमि व 335.7 हेक्टेयर निजी भूमि उपलब्ध कराई गई है। इस परियोजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा विकास निगम तथा भारत सरकार की संस्था सोल एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त वेंचर कंपनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। परियोजना की कुल लागत 4500 करोड़ रुपये है। यह देश का एकमात्र सोलर पार्क है।
प्लांट के अंदर सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए 3 यूनिट हैं। तीनों इकाइयों से 250-250 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। 2018 से ही यहां बिजली का उत्पादन शुरू हो गया था। जनवरी 2020 से सोलर पावर प्लांट ने अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया था। इस परियोजना के शुरू हो जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रीवा का नाम स्थापित होगा।
बता दें कि फिलहाल रीवा जिले में उत्पादित 24 फीसदी बिजली दिल्ली मेट्रो को दी जा रही है। दिल्ली मेट्रो को यहां से 2.97 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। तत्कालीन केंद्रीय नगर विकास मंत्री वेंकैया नायडू की मौजूदगी में 2017 में इसके लिए एएमयू हुआ था। वहीं 76 फीसदी बिजली का उपयोग मध्य प्रदेश में किया जा रहा है।
“अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना का प्रधानमंत्री वीडियो कान्फ्रेंर्सिग से 10 जुलाई को लोकापर्ण कर रहे हैं। इसके लिए सभी तैयारी की जा रही हैं। यह प्लांट पूरी तरह से तैयार है और बिजली का पूरा उत्पादन हो रहा है।”-एसएस गौतम, कार्यपालन यंत्री, ऊर्जा विकास निगम।