शहरों में ठेला और फुटपाथ कारोबारियों के लिए गाइडलाइन तय है। जिसमें व्यस्त टै्रफिक वाले क्षेत्रों में वह अपनी दुकानें नहीं लगा सकते। साथ ही चिन्हित वीआईपी जोन या अन्य संवेदनशील हिस्से में किसी तरह का कारोबार प्रतिबंधित होता है। रीवा शहर में इन नियमों की अनदेखी की जा रही है। नगर निगम की ओर से भी ऐसे लोगों को कभी नहीं रोका गया। कुछ साल पहले यह कार्रवाई शुरू की गई थी जिसमें चौराहों से ठेला वालों को हाकर्स कार्नर में शिफ्ट किया जाना था। राजनीतिक दबाव के चलते यह कार्रवाई बीच में ही रोकनी पड़ी थी।
रेड जोन- शहर के प्रमुख चौराहों, कार्यालयों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों एवं अन्य ऐसे संवेदनशील स्थान जहां भीड़ की वजह से दिक्कतें हो सकती हैं। इन स्थानों पर बिना अनुमति व्यवसाय प्रतिबंधित है।
यलो जोन- शहर के कुछ स्थानों पर सड़कों के किनारे आवश्यकता के अनुसार ठेले एवं फुटपाथ पर व्यवसाय की अनुमति दी जाती है। इसमें भी चिन्हित संख्या में ही अनुमति है। शर्त होती है कि स्थाई दुकान नहीं लगा सकते।
ग्रीन जोन- इस जोन में उन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रशासन द्वारा कारोबार की अनुमति दी जाती है। इसमें आवासीय कालोनियां भी शामिल हैं। जहां पर घर-घर जाकर सामग्री बेची जा सकती है। साथ ही शहर के बाजार क्षेत्र का भी कुछ हिस्सा ग्रीन जोन में होता है जहां पथ विक्रेताओं को अनुमति मिलती है।
– नगर निगम रीवा- 11291
– मऊगंज- 1910
– सेमरिया – 1128
– मनगवां- 1094
– गुढ़- 988
– बैकुंठपुर- 834
– चाकघाट- 656
– त्योंथर- 585
– नईगढ़ी- 578
– हनुमना- 530
– गोविंदगढ़- 416
– सिरमौर- 396
— नोट- पथ विक्रेताओं के उक्त पंजीयन के बाद अब सत्यापन शुरू किया गया है, जिसमें रेड जोन एरिया वालों को आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं।