कहा कि, जीवन में लक्ष्यों का निर्धारण जरूरी है। समस्याओं के निरंतर समाधान और सकारात्मक सोच के साथ उन्मुक्त जीवन जीना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्य डॉ. नीता सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में अपर जिला जज महिमा कछवाह एवं जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार योगीराज पाण्डेय मौजूद रहे।
प्राचार्य डॉ. नीता सिंह ने कहा कि बच्चों पर अपराध बढ़ रहे हैं। छोटी – छोटी कम उम्र की बच्चियों के साथ घिनौने कृत्य हो रहे हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि हम अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सचेत रहें। बच्चे ज्यादा समझ नहीं पाते। अपने बचाव में भी कुछ ज्यादा नहीं कर पाते।
पैरेंट्स की थोड़ी सी लापरवाही बच्चों पर भारी पड़ती है। कानून बच्चों की सुरक्षा में मदद करता है लेकिन अपराध होने के बाद सजा तो दिलाई जा सकती है लेकिन अपराध न हो हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए।
अवेयरनेस की जरूरत
विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद जिला जज महिमा कछवाह ने कहा कि, न्यायपालिका का दायित्व है, कानून का संरक्षण करते हुए जनमानस की सुरक्षा करना।
कहा कि, व्यक्ति की उम्र के हिसाब से पारिवारिक एवं सामाजिक वातावरण का असर पड़ता है। ऐसे में सामाज को जागरुक होने की जरूरत है। हमें प्रयास करना चाहिए कि हमारा बच्चा अपराध की ओर न बढ़े। वहीं हमें अपने छोटे बच्चों को अपराधियों से भी बचाना है। बच्चों को अपराध एवं अपराध के बाद होने वाली सजा की जानकारी होनी चाहिए। जिससे वे अपराध करने से बच सकें।
योगीराज पाण्डेय ने भारतीय दण्ड संहिता में हुए महत्वपूर्ण संशोधनों एवं धारा 354 के अंतर्गत किन – किन बातों को समाहित किया गया है इसकी जानकारी दी।
कार्यशाला का संयोजक डॉ. सरोज गोस्वामी एवं डॉ. गोपाल श्रीवास्तव ने किया। स्वागत भाषण महाविद्यालय गुणवक्ता प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. महेन्द्रमणि द्विवेदी ने दिया।
कानून में हुए संसोधन की दी जानकारी
तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. अमरजीत सिंह रहे। उन्होंने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा उसमें हुए संशोधनों के बारे में बताया।
डॉ.गोपाल श्रीवास्वत ने कहा कि, अपराधों के उजागर में पुलिस की मदद करें। अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत रहें।
कार्यशाला में जिला विधिक सेवा के अधिकारी अभय मिश्रा, विवेक द्विवेदी, महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ. शशी सिंह, डॉ. ममता उपाध्याय, डॉ. निवेदिता अग्रवाल, डॉ. राजश्री पाण्डेय, डॉ वनिता धुर्वे, डॉ. इला तिवारी, डॉ. गीता सिंह, डॉ. ज्योति सिंह सहित कॉलेज की छात्र – छात्राएं मौजूद रहीें।