बता दें कि केंद्र सरकार ने गत वर्ष एक सर्वे कराया था। उस सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ। उसके बाद 272 जिलों को चिह्नित कर नशा मुक्ति अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था। इन 272 जिलों में मध्य प्रदेश के दो जिले सतना व रीवा भी हैं। इन दोनों जिलो में प्रतिबंधित गांजा की अवैध बिक्री का बडा नेटवर्क खड़ा हो गया है। उडीसा से लेकर रीवा- सतना तक धड़ल्ले से इनकी बिक्री होती है। बताया जाता है कि रीवा- सतना में प्रतिबंधित गांजे की बिक्री करने वाले गांजे के लती लोगों को चीलम तक उपलब्ध कराते हैं।
इस संबंध में आइजी रीवा रेंज उमेश जोगा बताते हैं कि लगातार दो वर्षों में रीवा कुल 110 क्विटल जबकि सतना में 95 क्विंटल गांजा जप्त किया जा चुका है। ऐसे ही रीवा- सतना में मिलाकर तकरीबन 1745 लोगों के विरुद्ध नशीली कफ सिरप के कारोबार के आरोप पर केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जा चुका है। बावजूद इसके गांजा व नशीली कफ सिरप का अवैध कारोबार लगातार चल रहा है। हालांकि इसके खिलाफ अभियान जारी है।
इस बीच एसपी आरके सिंह ने सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिया है कि प्रतिबंधित गांजा और नशीली कफ सिरप की बिक्री की सूचना मिलते ही संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि जिस थाना क्षेत्र में नशीले पदार्थ (गांजा और नशीली कफ सिरप) की बिक्री होती पाई जाएगी, वहां के पुलिस अफसों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
इतना ही नहीं एसपी ने अपना ह्वाट्सएप नंबर जारी कर नागिकों से अपील की है कि नशीले पदार्थों की बिक्री की सूचना तत्काल भेजें। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि उनके द्वारा निलंबन या लाइन अटैच की कार्रवाई नहीं की जाएगी। अगर किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता नशे के कारोबार में पाई गई तो सीधे उनके विरुद्ध चार्जशीट लगाकर उन्हें बर्खास्त किया जाएगा।