अब बताया जा रहा है कि पुलिस से बचने के लिए उसने अपने घर के अंदर तहखाना बनवा लिया था और उस तहखाने में ही नशीली कफ सिरप की खेप रखता था। ऐसे में पुलिस ने पहले भी कई बार उसके घर में छापा मारा पर पुलिस तहखाने में बने भंडार गृह तक नहीं पहुंच पाती थी। इस बार मुखबिर की सटीक सूचना के चलते पुलिस उस तहखाने के भंडार गृह का पता चला। उसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उस तहखाने को तोड़ने के लिए कलेक्टर के पास अनुरोध पत्र भेजा और कलेक्टर इलैयाराजा टी की मंजूरी मिलते ही तहखाने को तोड़ दिया गया।
बताया जा रहा है कि साकेत लंबे समय से शराब तस्करी से भी जुड़ा रहा। लेकिन इस बार जिले में एक शराब ठेकेदार होने के कारण उसने नशीली कफ सिरप की तस्करी करने का काम शुरू कर दिया था। वह यूपी के इलाहाबाद, मिर्जापुर तथा एमपी के कटनी व जबलपुर से नशीली कफ सिरप की खेप लाता था।