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स्कूली वाहनों में बच्चों की हालत देख पुलिस अधिकारियों के उड़े होश, जानिए क्या उठाया कदम

locationरीवाPublished: Jul 04, 2019 09:21:54 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

स्कूली बच्चों को घर छोड़कर थाने में खड़ा करवाया वाहन

school vehicles

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रीवा। न्यू बस स्टैंड के सामने वैन में बैठे बच्चों की दुर्दशा देख पुलिस अधिकारियों का दिल भी पसीज गया। परिणाम स्वरुप ट्रैफिक पुलिस ने इन वाहनों को रोक लिया। एक वैन की डिग्गी में बच्चे बैठे मिले। इस वाहन चालक के पास न कोई वैध लायसेंस था और ना ही वाहन में सुरक्षा के कोई मापंदड । स्थित यह थी कि वह वाहन स्कूल वाहन के रुप में पंजीकृत ही नहीं था। वाहन के अंदर गर्मी व पसीने से लथपथ बच्चों को देख ट्रैफिक डीएसपी ने एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी को वैन में बैठाकर बच्चों के घर भेजा। वैन से बच्चों को घर पहुंचाने के बाद वाहन को ट्रैफिक थाने में खड़ा कर दिया है। पांच मिनट के अंदर दो वाहनों पर इस तरह कार्रवाई की। इसकी जानकारी जैसे ही अन्य वैन संचालकों को लगी चालकों ने मार्ग बदल दिया। वहीं कुछ तेज रफ्तार से भाग निकले।
केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों के अपहरण के असफल प्रयास के बाद प्रशासन स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चला रहा है। इसके तहत अवैध स्कूली वाहन एवं ओवरलोड ऑटो संचालकों को पिछले दो दिनों से समझाइश दे रहा है। इसके बावजूद स्थित में कोई सुधार नहीं हो रहा है। बुधवार को न्यू बस स्टैंड के सामने से स्कूली वाहनों में बैठे बच्चों की दशा देखकर इन वाहनों को ट्रैफिक पुलिस ने रोक दिया है। इसके बाद इन वाहनों की चेकिंग की। एक वैन में बीस बच्चे बैठे मिले है। वहीं सुरक्षा को लेकर वैन में कोई इंतजाम नहीं थे। प्राइवेट वाहन, स्कूली वाहन के रुप में चल रहे हैं।
रोजना होगी अवैध वाहनों पर कार्रवाई-
टै्रफिक सूबेदार नृपेन्द्र सिंह ने बताया कि कार्रवाई के दौरान स्कूली बच्चों को घर पहुंचाने की बड़ी समस्या रहती है। इसे देखते हुए रोजना अवैध स्कूली वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान स्कूली बच्चों कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए वाहन में एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी को बैठया जा रहा है जो बच्चों को घर छोडऩे के बाद वापस वाहन व चालक को थाने लाएगा। स्टॉफ सीमित है और स्कूलों की छुट्टी साथ होती है इस तरह क्रमबद्ध तरीके से रोजना कार्रवाई की जाएगी।
बदल दिया मार्ग-
दोपहर जैसे ही वाहन की चैकिंग प्रांरभ हुई वैन एवं ओवरलोड ऑटो चालकों ने अपना मार्ग बदल दिया है। यह वाहन अन्य वकैल्पिक मार्गों से होते हुए घर पहुंचे। बताया जा रहा है अकेले शहर में 1 हजार से अधिक वाहन चल रहे हैं जो कि स्कूल वाहन के रुप में पंजीकृत ही नहीं है। वहीं वैन को हाइकोर्ट ने स्कूल वाहन के रुप से संचालित करने प्रतिबंधित किया है। साथ ही ऑटो में छोटे अधिकतम 5 बच्चे एवं बड़े तीन बच्चों को बैठाने की अनुमति दी है।
अभिभावक भी गैर जिम्मेदार-
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों का भी गैर जिम्मेदराना रवैया सामने आया है। अभिभावक जानते हुए भी अवैध स्कूली वाहनों में बच्चे लाने की सहमति दे रहे हैं। वहीं ओवरलोड ऑटो में बच्चों को असुरक्षित तरीके से बैठा देखकर भी कोई आपत्ति नहीं उठाते है। इसके पीछे अभिभावकों का तर्क है कि उनके पास और कोई विकल्प भी नहीं है।

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