scriptराजस्व कर्मचारियों के सहयोग से बेच दिया तालाब, संभागायुक्त ने कहा टीम करेगी जांच | pond sagra, corruption in rewa | Patrika News

राजस्व कर्मचारियों के सहयोग से बेच दिया तालाब, संभागायुक्त ने कहा टीम करेगी जांच

locationरीवाPublished: Jan 13, 2022 12:07:24 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– कलेक्टर को पत्र लिखकर संभागायुक्त ने सगरा तालाब की भूमि बेचने के मामले में 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

rewa

pond sagra, corruption in rewa


रीवा। जिले के सगरा में स्थित सरकारी तालाब की भूमि कूटरचित तरीके से बेचने के मामले में अब संभागायुक्त ने सख्त रुख अपनाया है। इस पर कलेक्टर को पत्र लिखकर उन्होंने कहा है कि इस कूट रचना की जांच कराई जाए और जो भी दोषी हैं उन सबके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए कहा है। इस मामले में बीते दो वर्षों से शिकायतें की जा रही हंै। पूर्व में भी संभागायुक्त ने कलेक्टर को पत्र भेजा था लेकिन उस पर अब तक कोई प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय की ओर से नहीं भेजा गया है। इस पर भी कहा गया है कि यदि पूर्व में जांच कराई जा चुकी है तो उससे जुड़ी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए और यदि जांच नहीं हुई है तो कमेटी गठित कर जांच कराई जाए और दोषियों की भूमिका तय करते हुए कार्रवाई से जुड़ा प्रतिवेदन दिया जाए। सगरा का तालाब पुलिस थाने के नजदीक ही है, जिसकी बिक्री के लिए दस्तावेजों में कूटरचना की गई और रजिस्ट्री कराते समय यह नहीं बताया गया कि यह भूमि तालाब की है। मामला सामने तब आया था जब सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने इसकी शिकायत की थी। जिसकी जांच में प्रथम दृष्टया पाया गया था कि तालाब की भूमि को कृषि भूमि बताकर कूटरचना करके उसकी बिक्री की गई। रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए लगाए गए आवेदन को निरस्त कर दिया गया था। कोरोना काल की वजह से इस मामले में आगे की कार्रवाई अब तक रुकी हुई थी। अब नए सिरे से कमिश्नर अनिल सुचारी ने पत्र लिखकर जांच प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही कहा है कि यदि कूटरचना के आरोप प्रमाणित पाए जाते हैं तो संबंधित पर कार्रवाई की जाए।
——–
साढ़े नौ एकड़ क्षेत्रफल में फैला है तालाब
सगरा के तालाब का रकबा 3.871 हेक्टेयर है जो एकड़ में 9.56 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस तालाब में बाणसागर की नहरों से गर्मी के दिनों में पानी भरा जाता है। जिससे हर मौसम में यह लबालब रहता है। इसके पानी का उपयोग स्थानीय पशु-पक्षी करते हैं। संभागायुक्त ने इस मामले में लिखे पत्र में कहा है कि शासन द्वारा जल स्त्रोतों को संरक्षित करने के लिए लगातार दिशा निर्देश दिए जाते रहे हैं। इसके बावजूद तालाब की भूमि की बिक्री करने की शिकायत गंभीर है। बता दें कि सगरा में जिस तालाब को भूमाफिया हड़पने की फिराक में है, वह पुलिस थाने के नजदीक ही है।
————-
डिजिटल प्लेटफार्म पर की गई कूटरचना
सगरा तालाब की भूमि पर भूमाफिया की नजर होने के चलते इसके दस्तावेजों में डिजिटल प्लेटफार्म पर कूटरचना की गई। जिसमें पटवारी से लेकर रजिस्ट्री लेखक और रजिस्ट्री करने वाले अधिकारी तक की भूमिका संदिग्ध है। हुजूर तहसीलदार ने कुछ समय पहले ही एक आदेश जारी कर नामांतरण का आवेदन निरस्त कर दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि भूमि के क्रेता जगदीश प्रसाद शुक्ला निवासी गायत्री नगर रीवा की ओर से नामांतरण का आवेदन दिया गया था। इस पर आई आपत्तियों के चलते जांच कराई गई तो पता चला कि डिजिटल प्लेटफार्म पर तालाब से जुड़ी जानकारी एडिट करके छिपाई गई। आराजी के खसरे के कालम में दर्ज टीला, मेढ़, तालाब, जलाशय, भूजल की जानकारी को एडिट कर ऋण पुस्तिका से भी उक्त तथ्यों को छिपाया गया। पटवारी प्रतिवेदन में फर्जीवाड़ा करते हुए भूमि की विक्री कराई गई। तहसीलदार ने नामांतरण की प्रक्रिया निरस्त कर दी, जिसके बाद से मामला अब तक लंबित रहा है।
———-
अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास
इस मामले की शिकायत दो वर्ष से लगातार अलग-अलग अधिकारियों से की जाती रही है। बताया जा रहा है कि भूमि के खरीददार का पुत्र सत्ताधारी दल का नेता है। साथ ही पूर्व में जिला पंचायत का सदस्य भी रहा है। इस कारण सत्ता से जुड़े बड़े नेताओं द्वारा कार्रवाई नहीं करने का दबाव बनाया जा रहा है। इस कूटरचना में शामिल पटवारी एवं रजिस्ट्री करने वाले अन्य जिम्मेदारों पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है।
————
..तो रजिस्ट्री शून्य होगी
संभागायुक्त ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि जांच रिपोर्ट में यदि विक्रय पत्र शासन के दिशा निर्देशों के विपरीत पाया जाता है तो उसे शून्य घोषित करें। रजिस्ट्री को निरस्त करने की लगातार मांग की जा रही है लेकिन नामांतरण पर रोक लगाने के बाद भी अब तक रजिस्ट्री निरस्त नहीं की गई है।
——————–
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो