उधर कृषि विभाग के योजना के तहत लक्ष्य में कटौती के चलते विभाग ने राज्य बीज निगम से बीज खरीदने को लेकर भी हाथ खड़ा कर दिया है। ऐसे में राज्य बीज निगम के एक हजार क्विंटल धान का बीज डंप पड़ा है। सेवा सहकारी समितियों की ओर से भी अभी तक बीज की मांग नहीं हो रही है।
बताया जा रहा है कि कृषि विभाग अनुसूचित जाति व जनजाति सहित गरीब किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत नि:शुल्क बीज का वितरण करता है। यह बीज कृषि विभाग पहले राज्य बीज निगम से खरीदी करता था। लेकिन योजना में लक्ष्य कम होने से इस बार कृषि विभाग अपने फॉर्म से बीज ले रहा है। ऐसे में राज्य बीज निगम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वर्तमान में राज्य बीज निगम के गोदाम में 1000 क्विंटल धान का बीज और 100 क्विंटल सोयाबीन का बीज रखा हुआ है। कृषि विभाग के अधिकारी बताते है खरीफ में लक्ष्य कम होने के कारण इस पर 450 क्विंटल धान के बीज की जरुरत है जो हमारे हनुमना स्थित फार्म हाउस में उपलब्ध है। ऐसे में कृषि विभाग अब अपने विभाग का बीज ही खरीदकर किसानों को वितरित करेंगा। इस संबंध में विभाग ने आदेश जारी कर दिए है।
अब नकद ही खरीदना होगा बीज, गरीब किसानों की बढ़ी मुश्किल खरीफ की फसल के लिए कृषि विभाग को बहुत कम लक्ष्य मिला है। स्थिति यह है कि धान में महज 450 क्विंटल, सोयाबीज के 7 से 8 क्विंटल और मूंग, अरहर व उड़द के दो – दो विक्टंल बीज खरीदने का लक्ष्य मिला है। ऐसे में कृषि विभाग धान अपने हनुमना स्थित फार्म से खरीद रहा है। वहीं अन्य बीज एनएसएसी से खरीद रहा है। ऐसे में बीज निगम को सिर्फ किसानों को बीज नगद बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
कोट
“कृषि विभाग ने इस बार बीज खरीदने को लेकर कोई आर्डर नहीं दिया है जबकि पूर्व के वर्षों में मांग पत्र आ जाता था।”- एन पी तिवारी, प्रभारी बीज निगम कोट “कोविड 19 के तहत खरीफ में बहुत कम लक्ष्य योजना में किसानों के लिए मिला है। लक्ष्य के अनुसार हमारे बीज की आपूर्ति हमारे फार्म हाउस से हो रही है। इसलिए अपने ही विभाग से बीज खरीदने के निर्देश मिले है।”- यूएस बागरी, उप संचालक कृषि
“कृषि विभाग ने इस बार बीज खरीदने को लेकर कोई आर्डर नहीं दिया है जबकि पूर्व के वर्षों में मांग पत्र आ जाता था।”- एन पी तिवारी, प्रभारी बीज निगम कोट “कोविड 19 के तहत खरीफ में बहुत कम लक्ष्य योजना में किसानों के लिए मिला है। लक्ष्य के अनुसार हमारे बीज की आपूर्ति हमारे फार्म हाउस से हो रही है। इसलिए अपने ही विभाग से बीज खरीदने के निर्देश मिले है।”- यूएस बागरी, उप संचालक कृषि