जिले में सबसे बड़ी कृषि मंडी केन्द्र करहिया के अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसानों को मिलने वाली सुविधाओं में बंदबांट किया जा रहा है। शासन की ओर से कृषि मंडी में उपज की बिक्री करने वाले किसानों को सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही पांच रुपए थाली भोजन की व् यवस्था के लिए कंटीन बनाई गई है। करहिया मंडी परिसर की कंटीन में विमल मिश्र होटल चलाते हैं। होटल संचालक ने कहा, वर्ष 2014 से मंडी विभाग के द्वारा टेंडर नहीं कराया गया है।
किसानों की सुविधा के लिए 20 रुपए में सात पूड़ी और सब्जी देते हैं। चावल लेने पर बीस रुपए अतिरिक्त लिया जाता है। कई किसानों ने बताया कि कंटीन की व्यवस्था नहीं होने से दिक्कत होती है। कंटीन भवन में भी पूड़ी सब्जी के अलावा कुछ नहीं मिलता है। शासन की ओर से पांच रुपए में भोजन दिया जा रहा है। लेकिन, कंटीन में बीस रुपए में मात्र सब्जी पूड़ी दी जा रही है।
कृषि उपज बेचने वाले किसान को कृषि मंडी की कंटीन में पांच रूपए प्रति थाली भोजन दिया जाता है। शेष भुगतान मंडी करती है। लेकिन, कर्मचारियों की मनमानी के चलते पिछले तीन साल से मंडी का संचालन नहीं हो रहा है। एक निजी होटल संचालक की साठ-गांठ से चाय, पान के साथ ही महज पूड़ी और सब्जी दी जा रही है। होटल संचालक के अनुसार कंटीन की व्यवस्था में दस रुपए मंडी की ओर से मिलता है और पांच रुपए किसान देता है।
कृषि मंडी परिसर में कंटीन को निजी होटल संचालक आधे से अधिक भवन को गोदाम बना लिया है। कंटीन के नाम पर एक टेबल और एक बेंच रखा हुआ है। चाय-नास्ते के अलावा भोजन की व्यवस्था नहीं है। किसानों के कहने पर पूड़ी और सब्जी की व्यवस्था कराई जाती है।
मंत्री में कंटीन चल रही है। टेंडर की स्थिति फाइल देखने के बाद ही कुछ बता पाउंगा।
स्वामीनाथ वर्मा, प्रभारी मंडी सचिव