पांच साल से उपयोग हो रही पीओएस मशीनें कबाड़, 50 हजार हितग्राहियों का मैच नहीं हो रहा अंगूठा
रीवाPublished: Mar 01, 2021 10:25:03 am
जिले में 3.54 लाख परिवारों को हर माह आ रहा खाद्यान्न, अधिकतर बुजुर्ग हितग्राहियों को हो रही दिक्कत, जिले में 400 से अधिक पीओएस मशीनें कबाड, तत्कालीन नियंत्रक ने शासन को भेजी थी रिपोर्ट में हुआ खुलासा
रीवा. जिले में राशन दुकानों पर किराए पर पांच साल से उपयोग हो रहीं प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें कबाड़ हो गई हैं। जिससे पीओएस मशीनों में बुजुर्ग, श्रमिक समेत अन्य को मिलाकर 50 हजार हितग्राहियों का अंगूठा मैच नहीं हो रहा है। काफी जद्दो जहद के बाद अंगूठा मैच होता है।
वर्ष 2015 से पीओएस मशीन चालू
जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में राशन दुकानों पर करीब एक हजार पीओएस मशीनें उपयोग हो रही हैं। जिले में वर्ष 2015 में पीओएस मशीन से वितरण चालू कराया गया था। दो साल पहले एइपीडीएस की नई व्यवस्था चालू होने पर मेन्युअल प्रक्रिया पूरी तरह बंद कर दी गई। मशीनों में तकनीकि खामियां या फिर आपात स्थित में ही हितग्राहियों को राशन मेन्युअल वितरण किए जाने की व्यवस्था बनाई गई है।
विक्रेताओं ने अधिकारियों को दी सूचना
कई विक्रेताओं ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों सहित जिला मुख्यालय पर खाद्य विभाग को सूचना दी है कि पीओएस मशीनें कबाड़ हो गई हैं। जिससे फील्ड में काम नहीं कर रही हैं। राशन दुकानों पर अधिकतर बुजुर्ग, श्रमिकों का अंगूठा मैच नहीं कर रहा है। कई ऐसे भी परिवार हैं जिनके परिवार में एक या दो से अधिक संख्या में हितग्राही हैं। शहर के अमहिया वार्ड में पुरानी हाउली के पीछे स्थित उपभोक्ता भंडार पर राशन लेने के लिए पहुंची दो बुजुर्ग महिलाओं का अंगूठा मैच नहीं हुआ। विक्रेता ने इसकी जानकारी नियंत्रक कार्यालय में दी है।
हर माह मशीनों की रिपेयरिंग करना पड़ रहा
—कई विक्रेताओं ने बताया कि मशीनें आए दिन खराब हो रही हैं। विक्रेता दीना साकेत, श्यामलाल आदि ने बताया कि मशीनों को हर माह रिपेयरिंग कराने के लिए रीवा मुख्यालय आना पड़ता है। पांच साल से मशीनों का उपयोग कर रहे हैं। मशीनें वितरण के समय जवाब दे रहीं हैं।
रीवा में 2227 हितग्राहियों के बनाए नॉमिनी
जिले में एइपीडएस व्यवस्था लागू होने के बाद दुकानों पर पहुंचने में असहाय, अंगूठा मैच नहीं होने आदि समस्याओं को लेकर दो साल के भीतर 2227 हितग्राहियों का नामिनी नियुक्ति किया गया है। जिसमें कई हितग्राहियों के नॉमिनी सेल्समैन ही बन गए हैं। नामिनी बनने वाले हितग्राहियों में दिव्यांग, बुजुर्ग शामिल हैं।
पीओएस मशीनों में तकनीकि खराबी, मेन्युअल वितरण की दी छूट
फरवरी माह में हड़ताल के बाद वितरण चालू हुआ। वितरण के दौरान ज्यादातर मशीनों में नेटवर्क के कारण अंगूठा मैच नहीं कर रहा था। जिससे जिला खाद्य नियंत्रक ने शासन के मार्ग दर्शन पर फरवरी माह का वितरण पूरा कराने के लिए मेन्युअल चालू करा दिए गया। इसके बाद भी तीस से चालीस हजार परिवारों को समय से खाद्यान्न नहीं मिल सका है।