कॉलेज नैक मूल्यांकन के लिए आवश्यक ज्यादातर शर्त पूरी कर रहे हैं। कुछ कमियां हैं जिन्हें पूरा करने का प्रयास कॉलेज प्रबंधन कर रहा है।
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत कुल 23 कॉलेज हैं जो नैक के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
यदि कॉलेज का स्टाफ अच्छे से होमवर्क कर लिया तो इन कॉलेजों को नैक ग्रेड के लिए आवेदन करने में दिक्कत नहीं होगी। निरीक्षण के दौरान नैक टीम को संतुष्ट भी कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अनुदान भी मिलने लगेगा और आर्थिक तंगी दूरी होगी। कॉलेज का विकास तेजी से होगा।
नैक मानकों के अनुरूप हैं ये कॉलेज
जिले में शासकीय ठाकुर रणमत सिंह कॉलेज ही एक ऐसा कॉलेज है जो पिछले कई वर्षों से नैक मानकों के अनुरूप रहा है। इसके अलावा गांव की बात तो दूर शहर के शासकीय कॉलेज भी नैक के मानकों के अनुरूप खरे नहीं उतरे।
पिछले वर्ष शहर के सभी कॉलेजों ने अपने को नैक के अनुरूप विकसित कर लिया। जिसें मॉडल साइंस कॉलेज रीवा, न्यू साइंस कॉलेज, पीजी गर्ल्स कॉलेज शामिल हैं। इसके साथ ही सीधी, सिंगरौली, सतना एवं शहडोल के पीजी कॉलेजों ने अपने को नैके के मानकों के अनुरूप विकसित कर लिया है। सतना एवं बुढ़ार के कन्या कॉलेज को भी नैके की मान्यता है।
सिंगरौली एवं सीधी के कन्या कॉलेज अभी अपने को नैक के मानकों के अनुरूप विकसित नहीं कर पाए हैं।
जिले की ये कॉलेज हैं नैक की कतार में
जिले की जिन कॉलेजों को नैक के मानकों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। उनमें शासकीय शहीद केदार नाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय मऊगंज, शासकीय महाविद्यालय नईगढ़ी, शासकीय विधि महाविद्यालय रीवा, शासकीय महाविद्यालय त्योंथर, शासकीय महाविद्यालय रायपुर कर्चुलियान शामिल हैं। पिछले दिनों अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में नैक आवेदन के लिए प्राचार्यों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें एपीएसयू से संबंद्ध सभी कॉलेजों के प्राचार्य शामिल हुए थे। प्राचार्यों को नैक आवेदन करने एवं निरीक्षण से पहले तैयारी रखने के तरीके बताए गए।
2एफ एवं 12वीं की मान्यता नहीं
कई कॉलेज ऐसे हैं जो स्कूल के भवन में चल रहे हैं। ऐसे कॉलेजों को 2 एफ एवं 12 वी की मान्यता नहीं है। ये नैक के लिए आवेदन नहीं कर सकते। सिंगरौली जिले के कन्या महाविद्यालय एवं रीवा में गोविंदगढ़ महाविद्यालय सहित और भी कई ऐसे कॉलेज हैं जिनके पास भवन नहीं है। ऐसे में इन्हें 2 एफ एवं 12वी की मान्यता नहीं मिल पाई है।