सोलर परियोजना का लोकापर्ण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पर्यावरण तथा जीवन की सुरक्षा के लिए रीवा सौर परियोजना मजबूत नींव साबित होगी। इस परियोजना से 750 मेगावाट ग्रीन बिजली मिल रही है। इससे हर वर्ष 15.7 लाख टन कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा। यह दो करोड़ 60 लाख पेड़ लगाने के बराबर है। रीवा सौर परियोजना आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश तथा आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रीवा की पहचान सफेद बाघ तथा माँ नर्मदा के नाम पर थी। सोलर परियोजना ने रीवा को नई पहचान दी है। सोलर परियोजना इस शताब्दी की ऊर्जा जरूरत पूरी करने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। आज का दिन रीवा के लिए ऐतिहासिक और गौरव का क्षण है। रीवा सौर परियोजना ने सस्ती और ग्रीन बिजली का उपहार देश को दिया है। इस परियोजना से स्योरए सिक्योर और प्योर ऊर्जा मिलेगी। सूर्य भगवान की कृपा जब तक है तब तक इससे ऊर्जा मिलना स्योर है तथा सिक्योर है। इससे पर्यावरण को कोई क्षति नहीं पहुंच रही है जिससे यह प्योर ऊर्जा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के अन्य स्त्रोत समाप्त हो सकते हैं, पर सूर्य हमेशा रहेगा इसलिए सौर परियोजना आत्मनिर्भरता का बहुत बड़ा प्रतीक है। जब पूरी दुनिया पर्यावरण सुरक्षा और उद्योगों के विकास के द्वंद में फंसी हुई थी तब भारत ने सौर परियोजना जैसा सफल प्रयोग करके ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया को नई राह दिखाई है। इससे आम आदमी के जीवन को बेहतर करने में भी मदद मिलेगी। छोटे कदम भी बड़ी सफलता साबित होते हैं। देश में छ: साल पहले एलईडी बल्ब लगाने के निर्णय के बाद 36 करोड़ एलईडी बल्ब अब तक लगाए जा चुके हैं। इनसे 600 अरब यूनिट बिजली की हर साल बचत हो रही है।