अभ्यर्थी डीआइसी और बैंक का चक्कर लगा रही जिला प्रशासन ने पीएमइजीपी की प्रगति बढ़ाने के लिए कई बार डीआइसी व केवीआइबी के महाप्रबंधकों के साथ बैंक अधिकारियों की संयुक्त बैठककर समीक्षा की। बावजूद इसके युवाओं के रोजगार बैंकों में लंबे समय से लटके हैं। डीआइसी में रोजगार चालू करने के लिए सिविल लाइंस निवासी कुसुम सिंह ने पीएमजीइपी के तहत 25 लाख के लागत तक सूक्ष्म उद्योग चालू करने के लिए आवेदन किया है। रोजगार चालू करने के लिए एक साल से अभ्यर्थी डीआइसी और बैंक का चक्कर लगा रही है। इसी तरह बगढा गांव निवासी विनीत शुक्ला छह माह से बैंक और डीआइसी में रोजगार चालू करने के लिए पसीना बहा रहे है। ये कहानी अकेले इन दोनों की नहीं बल्कि सैकड़ो युवाओं के रोजगार विभागों से लेकर बैंकों में अटके हुए हैं।
लक्ष्य से डेढ़ गुना बैंकों को भेजे आवेदन विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर को जानकारी दी कि पीएमजीइपी में निर्धारित लक्ष्य का डेढ़ गुना आवेदन बैंकों को भेजे गए हैं। जिसमें डीआइसी ने 266 और केवीआइबी ने बैंकों को 111 आवेदन स्वीकृत कर भेजा है। लेकिन, अभी तक 13 फीसदी ही आवेदनों पर ऋण स्वीकृत किया गया है। शेष प्रक्रिया में लटके हुए हैं।
स्वीकृत 28, वितरण किए महज 20 डीआइसी और केवीआइबी की ओर से बैंकों को भेजे गए 377 आवेदनों में महज 28 स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें अभी तक 20 युवाओं को 51.67 लाख रुपए की राशि वितरण किए जाने का दावा किया जार रहा है। डीआइसी के 15 आवेदन स्वकृत हैं। जिसमें 14 वितरण हो चुके हैं। जबकि केवीआइसी के 13 स्वीकृत हैं, महज 7 वितरण किए गए हैं।
वर्जन…..पीएमजीइपी की प्रगति बढ़ाने के लिए कलेक्टर साहब की ओर से बैंकर्स को डेडलाइन दी गई है। जल्द ही युवाओं को रोजगार स्थापित करने के लिए योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। बैंकर्स को लक्ष्य से अधिक आवेदन भेजे गए हैं। जिसमें कई युवाओं को रोजगार दिया गया है। योजना प्रगति पर है।
यूबी तिवारी, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र फैक्ट फाइल विभाग———-लक्ष्य———-बैंकों को भेजे गए प्रकरण———वितरित डीआइसी—–122————-266———————–14 केवीआइबी——–76———–111———————-07 —————————————————————- कुल——————198———–377—————20 ——————————————————————-