मॉडल व एक्सीलेंस विद्यालय खाली –
बताया जा रहा है जिले में ब्लांक स्तर में संचालित 6 मॉडल स्कूल एवं 9 एक्सीलेंस विद्यालयों में नियमित प्राचार्य नहीं हैं। ऐसे में मॉडल स्कूल व एक्सीलेंस को प्रतिमाह मिलने वाला बजट तक खर्च नहीं हो पाता है। विगत वर्ष मॉडल एवं एक्सीलेंस विद्यालयों में बजट नहीं खर्च हो पाया है। प्रभारी प्राचार्य को आहरण वितरण का अधिकार नहीं होने के कारण अब शाला प्रबंधन समिति के खाते में राशि डाली गई है।
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यह पड़ता है असर-
स्कूल में शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियों को पूरा नियंत्रण प्राचार्य पर होता है। प्राचार्य के नहीं होने के कारण शिक्षक के शैक्षणिक काम की मॉनीटरिंग नहीं होती है। इसका असर शिक्षा के स्तर पर पड़ता है । वहीं प्रशासनिक व्यवस्था सही नहीं होने के कारण सीएम हेल्प लाइन में शिकायत बढ़ती है।
130 हाईस्कूल
40 में नियमित प्राचार्य
44 नियमित प्राचार्य व शिक्षक
90 में शिक्षक लेकिन प्राचार्य नहीं
07 स्कूल ऐसे जहां नियमित शिक्षक व प्राचार्य नहीं
130 हायर सेकेंडरी स्कूल
73 में प्राचार्य व शिक्षक दोनों
57 में शिक्षक हैं प्राचार्य नहीं
01 प्राचार्य हैं शिक्षक