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– निजी निवेश पर देने के ये कारण बताए गए
वनों को निजी निवेश पर देने का कारण भी वन मुख्यालय ने स्पष्ट किया है। जिसमें कहा गया है कि अल्पावधि स्थानीय समुदाय को रोजगार में वृद्धि करने और दीर्घावधि में प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित आजीविका को सुदृढ़ करना है। काष्ठ आधारित उद्योगों को स्थानीय उत्पाद उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना भी है। जलवायु परिवर्तन की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाते हुए हरियाली की मात्रा बढ़ाई जानी है।
वन मुख्यालय से आए पत्र में डीएफओ से कहा गया है कि प्रथम चरण में अ’छी संभावनाओं वाले वनों का चयन किया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र 0.2 घनत्व से कम वाला हो। एक स्थान पर 500 से एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र की वर्किंग यूनिट बनाई जा सके। एक यूनिट का क्षेत्र दस किलोमीटर के दायरे में होगा। संबंधित क्षेत्र अतिक्रमण मुक्त होना चाहिए। वन के नजदीक यदि राÓास्व भूमि है तो कलेक्टर के सहयोग से उसे भी प्रोजेक्ट में शामिल किया जा सकता है। मुनारों की स्थिति का भी परीक्षण किया जाएगा।
वन मुख्यालय का निर्देश मिलने के बाद डीएफओ ने सभी रेंज आफिसर्स को निर्देशित किया है कि वह निर्धारित फार्मेट में अपने यहां की जानकारी प्रस्तुत करें। इसमें हर बीट के हिसाब से वन क्षेत्रफल, वन समिति का नाम, कार्यइकाई में प्रस्तावित क्षेत्रफल आदि की जानकारी दी जाएगी। इस रिपोर्ट में भू-आकृति, चट्टानों और मृदा का प्रकार, भूजल स्तर, प्रजातियों के प्रकार आदि की जानकारी देनी होगी।
—- ऐसी है वनों की स्थिति
जिला– भौगोलिक क्षेत्र– वन क्षेत्र — बिगड़े वन
रीवा- 6314– 781.15—333.57
सतना- –7502— 1752.9–1651.97
सीधी– 4851—1969.16— 768.83
सिंगरौली- – 5675–2180.13— 783.20
–नोट- उक्त आंकड़े वर्ग किलोमीटर में हैं। ——————————————– बिगड़े वनों का सुधार निजी निवेश के सहयोग से कराने का निर्णय शासन स्तर पर हुआ है। अभी यह प्रारंभिक चरण में है, रूपरेखा मुख्यालय से ही तय हो रही है। हम भी अपने यहां की रिपोर्ट भेजेंगे। योजना से जुड़ी विस्तृत गाइडलाइन अभी जारी नहीं हुई है, मुख्यालय से ही निर्देश आना है।
चंद्रशेखर सिंह, डीएफओ रीवा
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वन मंत्रालय ने मध्यप्रदेश में पेड़ों और वनों के घनत्व को तीन भागों में बांटा है। शून्य से एक तक इसका मानक तय किया गया है। जिसके तहत 0.4 तक घनत्व के एरिया को खुला या बिगड़ा वन कहा जाता है। 0.5 से 0.7 तक के घनत्व को मीडियम वन क्षेत्र और 0.8 या उससे अधिक के घनत्व पर सघन घनत्व का वन माना जाता है। केन्द्र सरकार की रिपोर्ट में रीवा जिले में स्थित पेड़ों का औसत घनत्व 0.8 माना गया है।
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