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निजी प्रकाशकों की स्कूल किताब 10 प्रतिशत महंगी, अभिभावकों पर भार

locationरीवाPublished: May 14, 2020 06:32:02 am

Submitted by:

Lokmani shukla

कोविड-19 के चलते स्कूल भले ही बंद है। बावजूद नए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों की बिक्री जोरों पर है। ऐसे में अभिभावकों नई किताबों को खरीदने में 10 फीसदी तक अधिक चुकाने होगे। निजी प्रकाशकों द्वारा किताबों की कीमतों में वृद्धि करने से ऐसी स्थिति बनेगी।

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रीवा। कोविड-19 के चलते स्कूल भले ही बंद है। बावजूद नए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों की बिक्री जोरों पर है। ऐसे में अभिभावकों नई किताबों को खरीदने में 10 फीसदी तक अधिक चुकाने होगे। निजी प्रकाशकों द्वारा किताबों की कीमतों में वृद्धि करने से ऐसी स्थिति बनेगी। इससे प्रत्येक अभिभावक को किताबों में200 से 300 तक बोझ बढ़ा है। साथ ही कापियों की गत वर्ष की तुलना में ज्यादा मंहगी हुई है।
बताया जा रहा है कि सीबीएसई की बड़ी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र प्रांरभ होने के बाद व्यापक स्तर में किताबे खरीद रहे है। कोविड-19 में संक्रमण के चलते अप्रेल में किताबों की खरीदने अभिभावकों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है,लेकिन ऑन लाइन में मिलने वाले होमवर्क व अवकाश में कोर्स की तैयारी के लिए किताबें खरीद रहे है। किताबों में दुकानदारों की रियायत नहीं करने से अभिभावक परेशान है। वहीं किताबे भी दुकानदार पूरे सेट में दे रहे है। ऐसे में अभिभावकों को वह किताबें भी खरीदनी पड़ रही है, जिनकी आवश्यकता अभी नहीं है।

कक्षा नर्सरी से 5 तक से तीन हजार में सेट-
बताया जा रहा है निजी विद्यालयों ने कक्षा नर्सरी से पांच तक जिन प्रकाशकों की सूची दी है। उनके किताबों को सेट 25 सौ तीन हजार तक आ रहा है। स्थित यह है कि नर्सरी कक्षा की किताबें दो हजार की सेट है। जबकि इसके पहले यही सेट 18 सौ तक में पड़ रहा था। जबकि इसी पाठयक्रम में अन्य प्रकाशकों की किताबे सस्ती दरों में उपलब्ध है।

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