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रीवा में निजी स्कूल अभिभावकों को दे सकते है 24 करोड़ की राहत

locationरीवाPublished: May 16, 2020 08:43:02 am

Submitted by:

Lokmani shukla

कोविड़ -19 में आर्थिक तंगी से झेल रहे लोगों को सरकार व निजी स्कूलों से बड़ी राहत की उम्मीद है। निजी स्कूल संचालक व सरकार आगे आई तो 24 करोड़ की मदद अभिभावकों को मिलेगी। जिले में लगभग १२सौ निजी विद्यालयों में 1.59लाख छात्रों की महीने में औसतन 500 रुपए प्रतिमाह फीस अभिभावक दते है।

CM Rise School

CM Rise School


रीवा। कोविड़ -19 में आर्थिक तंगी से झेल रहे लोगों को सरकार व निजी स्कूलों से बड़ी राहत की उम्मीद है। निजी स्कूल संचालक व सरकार आगे आई तो २४ करोड़ की मदद अभिभावकों को मिलेगी। जिले में लगभग १२सौ निजी विद्यालयों में 1.59लाख छात्रों की महीने में औसतन 500 रुपए प्रतिमाह फीस अभिभावक दते है। कक्षा 08 तक एक माह की फीस लगभग 8 करोड़ रुपए देनी है।
लॉकडाउन के कारण 13 मार्च से स्कूल बंद है। ऐसे में स्कूल संचालक अभिभावकों ने अप्रेल में नए शैक्षणिक सत्र और मई व जून की फीस मांग रहे है। जबकि अभिभावक मार्च की फीस पहले अदा कर चुके है। ऐसे में अभिभावकों को कहना है कि स्कूलों को माह 12 साल तक नियमित फीस देते है। लेकिन इस वैश्विक महामारी के समय हम स्कूल फीस देने में सक्षम नहीं है ऐसे में प्राइवेट स्कूलों को स्वंय फीस मांफी के लिए आगे आना चाहिए है। वहीं सरकार भी ओर कदम उठा सकती है।

शिक्षकों को वेतन कटौती, दो महीने सैलेरी नहीं
निजी स्कूल संचालक १३ मार्च के बाद स्कूल बंद होने के बाद पदस्थ शिक्षकों को महज मार्च व अप्रेल में पचास फीसदी वेतन दिया है। इतना ही नहीं मई व जून की वेतन निजी संचालक शिक्षकों को नहीं देते है। बावजूद निजी संचालक छात्रों की फीस माफ करने पीछे हट रहे है। जबकि नौ महीने में अभिभावकों से अपने खर्च पहले ही निजी स्कूल निकाल चुके है।
अभिभावकों की जुबानी
लॉकडाउन की वजह से आम नागरिक पर सीधा असर पड़ा है। ऐसे में स्कूलों द्वारा फीस माफ नहीं की जा रही है तो आर्थिक बोझ बढ़ेगा। कक्षाएं नहीं लग रही फिर भी फीस वसूलना उचित नहीं है। वहीं किताबों के दाम भी नियंत्रित नहीं हैं। निजी प्रकाशकों की मनमानी दाम पर किताबें चल रही हैं।
राजकुमार जायसवाल, संजय नगर

इस समय जब सभी के आय के साधन बंद है लोगो को जीवन यापन बड़ी मुश्किल से हो रहा है।ऐसे में बच्चों के स्कूल की फीस को लेकर चितिंत है। पैसे नहीं होने पर लोगों अपने जेवर व अन्य समाज गिरवी रखने की स्थिति बन रहीं है। ऐसे में सरकार व निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को दर्ज समझे।
रामशरण कोरी
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