शिक्षकों को वेतन कटौती, दो महीने सैलेरी नहीं
निजी स्कूल संचालक १३ मार्च के बाद स्कूल बंद होने के बाद पदस्थ शिक्षकों को महज मार्च व अप्रेल में पचास फीसदी वेतन दिया है। इतना ही नहीं मई व जून की वेतन निजी संचालक शिक्षकों को नहीं देते है। बावजूद निजी संचालक छात्रों की फीस माफ करने पीछे हट रहे है। जबकि नौ महीने में अभिभावकों से अपने खर्च पहले ही निजी स्कूल निकाल चुके है।
अभिभावकों की जुबानी
लॉकडाउन की वजह से आम नागरिक पर सीधा असर पड़ा है। ऐसे में स्कूलों द्वारा फीस माफ नहीं की जा रही है तो आर्थिक बोझ बढ़ेगा। कक्षाएं नहीं लग रही फिर भी फीस वसूलना उचित नहीं है। वहीं किताबों के दाम भी नियंत्रित नहीं हैं। निजी प्रकाशकों की मनमानी दाम पर किताबें चल रही हैं।
राजकुमार जायसवाल, संजय नगर
इस समय जब सभी के आय के साधन बंद है लोगो को जीवन यापन बड़ी मुश्किल से हो रहा है।ऐसे में बच्चों के स्कूल की फीस को लेकर चितिंत है। पैसे नहीं होने पर लोगों अपने जेवर व अन्य समाज गिरवी रखने की स्थिति बन रहीं है। ऐसे में सरकार व निजी स्कूल संचालक अभिभावकों को दर्ज समझे।
रामशरण कोरी